September 22, 2024

GST मेें भी हो गया घोटाला, धोबी-नाई और माली के नाम पर बनायीं जाली कंपनी

0

भोपाल
भोपाल में एक बड़े फर्ज़ीवाड़े का खुलासा हुआ है. ये घोटाला (SCAM) सामान निर्यात (EXPORT) करने के नाम पर किया गया. अफसरों ने अपने घर पर काम करने वाले धोबी-माली और नाई के नाम पर कंपनियां (COMPANY) बनाकर पेमेंट (PAYMENT) किया.कस्टम-सेंट्रल एक्साइज और जीएसटी की खुफिया विंग डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस (DGGSTI) की भोपाल यूनिट की जांच में इसका खुलासा हुआ है.

जांच में पता चला है कि निर्यात के नाम पर काग़ज़ों पर जाली कंपनियां बनाकर करोड़ों का टर्नओवर दिखाया गया और फिर क्रेडिट इनपुट दिलाया गया. इसमें कई बड़े लोग शामिल हैं. जिन्होंने अपने धोबी, माली और नाई के नाम पर कागजों पर फर्जी कंपनियां बनाई और करोड़ों की गड़बड़ी कर सरकार को चपत लगाई.

भोपाल यूनिट ने निर्यात के नाम पर मध्यप्रदेश सहित दूसरे राज्यों में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा किया है.बताया गया है कि डीजीजीएसटीआई ने हाल ही में दिल्ली सहित आसपास के इलाकों में धरपकड़ के दौरान बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए हैं.छानबीन में पता चला कि आरोपितों ने अपने परिचित धोबी, माली और नाई का काम करने वाले लोगों को शामिल कर उनके पैन कार्ड और आधार नंबर के आधार पर जाली कंपनियां बनायीं और उन्हीं के आधार पर सारा फर्ज़ीवाड़ा किया.अब इन सभी रसूखदारों को शोकाज नोटिस जारी करने की तैयारी है.

भोपाल यूनिट ने इन जाली कंपनियों से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जांच के साथ कई लोगों से पूछताछ भी की.इसमें कई ऐसे तथ्य सामने आए, जिससे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.फर्जीवाड़े से जुड़े लोगों ने दिल्ली के आसपास और कई राज्यों में जीएसटी क्रेडिट दिलाने के लिए कई लोगों को इस घोटाले में शामिल कर रखा है.बताया जा रहा है कि यह एक नेटवर्क की तरह संचालित हो रहा है, जिसके तार कई राज्यों से जुड़े हुए हैं.

ये है पूरा मामलाहाल ही में डीजीजीएसटीआई ने दिल्ली के साथ आसपास के इलाकों में कई कंपनियों के बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए थे.इनकी जांच में पता चला कि कई लोगों ने अपने परिचित धोबी, माली और नाई का काम करने वाले लोगों के पैन कार्ड और आधार नंबर के जरिए जाली कंपनियां बनाकर दस्तावेजों में अंकित किया.इन कंपनियों के नाम पर निर्यात के दस्तावेज तैयार कर फर्जी इनवाइस क्रेडिट इनपुट लिया गया.बताया जा रहा है कि ऐसे क्रेडिट दिलवाने में पांच से दस प्रतिशत तक का कमीशन का खेल होता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *