जिन्होंने लोस की शक्ल नहीं देखी, मुझपर नौकरी का तंज कस रहे हैं: यशवंत

0

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच वार-पलटवार का खेल खत्म नहीं हो रहा है. अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि कुछ लोग 80 साल की उम्र में नौकरी के आवेदक बनना चाहते हैं. अब इस पर यशवंत सिन्हा ने कहा है कि ‘अगर मैं नौकरी का आवेदक होता, तो शायद वो (अरुण जेटली) पहले नंबर पर ना होते’.यशवंत सिन्हा ने कहा कि अरुण जेटली मेरी पृष्ठभूमि भूल गए हैं. मैंने राजनीति में दर-दर की ठोकर खाई है. 12 साल की IAS की नौकरी बाकी थी जब राजनीति में आ गए हैं. आडवाणी जी ने कहा था कि कभी पर्सनल अटैक नहीं करना चाहिए. यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं हर सेक्टर पर चर्चा करने को तैयार हूं, हर सेक्टर में गिरावट हो रही है.सिन्हा ने कहा कि मैंने राजनीति में आने के कुछ समय के बाद ही अपनी लोकसभा की सीट चुन ली थी. मुझे अपनी लोकसभा की सीट चुनने में 25 साल नहीं लगे हैं. यशवंत बोले कि जिन्होंने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी, वो मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं. मैंने किसी पर पर्सनल अटैक नहीं किया है.यशवंत सिन्हा बोले कि मैंने वीपी सिंह की सरकार में मंत्री पद ठुकरा दिया था, लेकिन अरुण जेटली ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में राज्यमंत्री का पद स्वीकार कर लिया. वह लोकसभा में पहुंचे भी नहीं थे. उन्होंने कहा कि कालेधन पर वित्तमंत्री पर देश को गुमराह कर रहे हैं, कालेधन और पनामा पर जेटली गुमराह कर रहे हैं.उन्होंने बताया कि मैं और चिदंबरम कभी दोस्त नहीं रहे हैं, बल्कि अरुण जेटली और चिदंबरम दोस्त रहे हैं. पनामा मामले में भारत में कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. हम मुद्दे से भटकने नहीं देंगे, इसलिए पर्सनल आरोप लगा रहे हैं. जो लोकसभा का सदस्य है वही लोगों की बात समझ सकता है, पांव में छाले पड़ेंगे तो ही कुछ समझ आएगा.बता दें कि गुरुवार को एक कार्यक्रम में अरुण जेटली ने कहा था कि देश में विदेशी निवेश लगातार बढ़ रहा है और यह अब तक का सबसे ज्यादा है. बता दूं कि जेंटलमैन जब वित्तमंत्री थे तो हमारे पास सिर्फ चार दिनों का विदेशी मुद्रा भंडार था. जोकि अब 4 बिलियन डॉलर हो गया है.’अर्थव्यवस्था की सेहत’ पर यशवंत को जेटली का जवाब, रखे ये 10 तथ्य, याद दिलाया 2002

चिदंबरम को भी घेरा

यशवंत सिन्हा और कांग्रेस नेता चिदंबरम पर हमला बोलते हुए जेटली ने कहा कि लोग जीएसटी और नोटबंदी की आलोचना कर रहे हैं कि इसे जल्दबाजी में लागू किया गया. कभी हमारे यहां ऐसी स्थितियां थी कि सरकार के फैसलों की वजह से भ्रष्टाचार होता था, पॉलिसी पैरालिसिस बनती. अब लोग फैसलों की आलोचना कर रहे हैं.यशवंत ने किया है सबसे बड़ा वारइस से पहले, अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला करके राजनैतिक तूफान खड़ा कर चुके सिन्हा ने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत पर चर्चा के लिये उन्होंने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा था लेकिन उन्हें समय नहीं मिला.यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘मैंने पाया कि मेरे लिए दरवाजे बंद थे. इसलिए, मेरे पास मीडिया में बोलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. मुझे विश्वास है कि मेरे पास प्रधानमंत्री को देने के लिए उपयुक्त सुझाव हैं. सिन्हा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम जैसे लोग जिन्हें वित्तीय मामलों पर विशेषज्ञ माना जाता है अगर बोलें तो उस समय की सरकार को उसे सुनना चाहिए. उन्होंने उन लोगों की राय को ‘राजनैतिक शब्दाडंबर’ के तौर पर खारिज किये जाने के खिलाफ सलाह दी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *