हर कार्यालय में हो आन्तरिक परिवाद समिति : आयुक्त महिला बाल-विकास

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भोपाल

आयुक्त महिला-बाल विकास  नरेश पाल कुमार ने कहा है कि सभी कार्यालयों में आन्तरिक परिवाद समिति आवश्यक रूप से गठित की जाये। पाल महिला-बाल विकास, संगिनी तथा मारथा फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न को रोकने के उपाय संबंधी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

आयुक्त पाल ने कहा कि ऐसी प्रत्येक घटना, जिसमें महिलाओं का जेन्डर समानता, जीवन जीने और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन होता है, को सुप्रीम कोर्ट ने उत्पीड़न माना है। उन्होंने कहा कि सरकारी, निगम या सोसायटी द्वारा स्थापित विभाग, संगठन, उपक्रम, संस्था, शासकीय यूनिट, प्राइवेट कंपनी, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बैंक, उद्योग, शॉपिंग मॉल, दुकान, घर, जहाँ किसी भी आयु की महिला पारिश्रमिक पर नियुक्त की गई हो, वो 'महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोषण) अधिनियम-2013' के दायरे में आते हैं। पाल ने बताया कि इस कानून में नियोक्ता को अपने कार्यालय या कार्य-स्थल को महिलाओं के लिए लैंगिक उत्पीड़न से मुक्त माहौल बनाने के लिए जिम्मेदार बनाया गया है।

दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न विभागों की समिति के अध्यक्ष और सदस्य, विश्वविद्यालय, अस्पताल, प्राइवेट कंपनी, शॉपिंग मॉल, महिला गृह उद्योग, मीडिया ग्रुप आदि के सदस्य उपस्थित रहे।

 

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