आदिवासी संस्कृति और देव-स्थल संरक्षण के लिये आष्ठान योजना

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भोपाल

प्रदेश में निवास करने वाले आदिवासियों की संस्कृति और उनके देव-स्थलों के संरक्षण के लिये आदिम-जाति कल्याण विभाग ने नवीन आष्ठान योजना प्रारंभ की है। यह योजना प्रदेश में इस वर्ष विगत 14 जून से प्रारंभ की गई है।

आष्ठान योजना में आदिवासी समुदाय के कुल-देवता और ग्राम देवी-देवताओं के स्थानों में निर्मित देवगुढ़ी, मढ़िया, देवठान के निर्माण और जीर्णोद्धार के साथ इन स्थानों पर आने वाले श्रद्धालुओं के विश्राम के लिये सामुदायिक भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही, इन देव-स्थलों में पेयजल, स्नानागार, शौचालय, विद्युत और पेयजल की व्यवस्था भी की जाएगी। योजना के लिये विभागीय बजट में पर्याप्त प्रावधान किया गया है।

आष्ठान योजना में प्रथम चरण में छिन्दवाड़ा जिले के हरियागढ़, मण्डला जिले के चौगान, डिण्डोरी जिले के करवेमट्टा और रमेपुर, जबलपुर जिले के नरईनाला, झाबुआ जिले के बारहदेव और बड़वानी जिले के भँवरगढ़ (टंट्या भील) आदि आस्था केन्द्रों के संरक्षण और विस्तार का कार्य किया जाएगा।

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