सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन से ही महिलाओं के विरूद्ध अपराधों से मुक्त होगा समाज

0

भोपाल
  राज्यपाल लालजी टंडन ने समाज को महिलाओं के विरूद्ध अपराध से मुक्त बनाने के लिए सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति सामाजिक व्यवहार में संवेदनशीलता बेहद जरूरी है, तभी उनके सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त होगा।

टंडन ने कहा है कि सामाजिक व्यवहार में बदलाव युवाओं के सक्रिय सहयोग से ही संभव है। उन्होंने युवाओं को महिलाओं के प्रति सामाजिक व्यवहार के शिक्षण की आवश्यकता बताई। राज्यपाल ने कहा कि फाउंडेशन कोर्स के पाठ्यक्रम में महिला एवं पुरूष भेद-भाव के प्रति संवेदनशीलता को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों के साथ चर्चा में महिलाओं के प्रति दुर्व्यवहार से संबंधित घटनाओं पर चिंता व्यक्त की।

राज्यपाल टंडन ने कहा कि स्नातक स्तर के फाउंडेशन कोर्स पाठ्यक्रम में महिलाओं के प्रति सामाजिक और विधि-मान्य व्यवहार शामिल हों। महिलाओं के कल्याण के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी उन्हें दी जाए। साथ ही महिलाओं के सशक्तिकरण और स्वावलंबन के प्रयासों में उन्हें सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करें। समाज को कुरीतियों से मुक्त करने के लिये युवाओं को जागरूक करें। टंडन ने कहा कि ऐसा करने से भावी पीढ़ी महिला-पुरूष के भेद-भाव की मानसिकता से मुक्त होगी। सामाजिक व्यवहार महिलाओं के प्रति संवेदनशील होगा। राज्यपाल ने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू की कुलपति प्रो. आशा शुक्ला को पाठ्यक्रम निर्माण की पहल करने के लिए कहा।

लालजी टंडन ने कहा कि किसी भी समाज के दृष्टिकोण, प्रभाव, कौशल और आचरण को युवा वर्ग विकसित कर सकता है। उचित अवसर मिलने पर युवा देश का सामाजिक और आर्थिक भाग्य बदल सकते हैं। महिलाओं के लिए स्वस्थ, सुरक्षित एवं सम्मानजनक सामाजिक वातावरण निर्माण में युवाओं का सहयोग आवश्यक है। महिलाओं के प्रति भेद-भाव और हिंसा से मुक्त सामाजिक व्यवस्थाओं के विकास के लिए जन-जागृति के प्रयास किये जाने चाहिए। हमारे समाज का परिवेश ऐसा हो, जिसमें सभी को समान रूप से दक्षता हासिल करने का मौका मिले। महिलाएं हिंसा मुक्त परिवेश में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें, घरों में बालिकाओं और महिलाओं को बराबरी के हक मिलें। परिवार में बेटे और बेटी के बीच भेद-भाव खत्म हो। उन्होंने विधिक साक्षरता एवं सहायता योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर भी बल दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *