September 21, 2024

निशंक बोले, 40 साल बाद बढ़ी जेएनयू की फीस

0

नई दिल्ली
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल की फीस बढ़ाए जाने से नाराज छात्र पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा है कि 40 साल बाद जेएनयू में फीस बढ़ाई गई है और यह नो प्रॉफिट नो लॉस के आधार पर फैसला किया गया है। पोखरियाल ने राज्यसभा में लिखित में यह जवाब दिया है।

HRD मिनिस्टर ने कहा कि लंबे सयम से जेएनयू में फीस नहीं बढ़ाई गई जबकि हॉस्टल मेंटिनेंस और अन्य खर्च बहुत बढ़ गए हैं, ऐसे में फीस बढ़ाना जरूरी हो गया था। उन्होंने कहा कि 40 साल बाद हॉस्टल की फीस बढ़ाई गई है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मंत्रालय ने समिति को जेएनयू की फीस को अन्य विश्वविद्यालयों की फीस से तुलना करने का आदेश दिया है। मंत्रालय ने तीन सदस्यीय समिति को यह निर्देश दिया है।

फीस बढ़ाने के फैसले के बाद जेएनयू के छात्र सड़कों पर उतर आए थे जिसके बाद शैक्षिक और प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हुआ। सामान्य कामकाज को बहाल करने के लिए एचआरडी मंत्रालय द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। छात्रावास शुल्क में वृद्धि को लेकर यूनिवर्सिटी में जेएनयू प्रशासन और छात्रों के बीच गतिरोध चल रहा है। जेएनयू ने इस मुद्दे पर गौर करने के लिए सात सदस्यीय एक आंतरिक समिति गठित की है।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में सामान्य वर्ग के लिए 50 फीसदी की रियायत और बीपीएल छात्रों के लिए 75 फीसदी की रियायत की सिफारिश की है। विश्वविद्यालय ने दूसरी बार शुल्क वापसी का फैसला लिया हालांकि छात्रों ने इसे धोखा बताते हुए शुल्क वापसी को खारिज कर दिया। छात्र संघ ने कहा है कि 17 केंद्रों में छात्रों ने सेमेस्टर की परीक्षा का बहिष्कार करने का फैसला किया है। विश्वविद्यालय ने कहा है कि जो छात्र परीक्षा में शामिल नहीं होंगे उन्हें छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *