कोरबा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने हस्तलिखित विश्व के सबसे बड़े भारतीय संविधान डिजिटल चित्रण प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

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रायपुर  संसद भवन परिसर में संसदीय ज्ञानपीठ के द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संविधान प्रदर्शनी का आज श्रीमती ज्योत्सना चरणदास महंत सांसद कोरबा ने भ्रमण किया और वहां पर संरक्षित मूल संविधान की प्रति को देखा और उन्होंने वहां पर अपने विचार भी रखे हुए रजिस्टर में व्यक्त किया जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं स्वमं को गौरवान्वित महसूस कर रही हु, ये विश्व के सबसे बड़े हस्तलिखित संविधान के 70 साल की यात्रा का सजीव डिजिटल चित्रण है। संविधान दिवस की वर्षगांठ पर लोक सभा सचिवालय के संग्रहालय एवं अभिलेखागार की ओर से संसद के ज्ञानपीठ भवन में डिजिटल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। संविधान निर्माण के 70 वर्ष पूर्ण होने के अवसर को भारत सरकार संविधान से समरसता उत्सव के तौर पर मना रही है। इस मौके पर लगी इस प्रदर्शनी में संविधान के निर्माण से लेकर संविधान को अपनाने तक के सभी पहलुओं को दृश्य-श्रव्य माध्यम से दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में संविधान सभा के प्रथम सत्र और प्रारुप समिति के बनने से लेकर संविधान के लागू होने तक की पूरी कहानी पेश की गयी है। प्रदर्शनी में मौलिक कर्तव्यों को प्रमुखता दी गई है और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संविधान के बारे में विचारों को भी दिखाया गया है। इस विशेष प्रदर्शनी के साथ-साथ संसदीय ग्रन्थालय में संरक्षित संविधान की मूल प्रति को भी माननीय संसद सदस्य और अन्य महानुभाव देख सकते हैं।

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