कमलेश हत्याकांड : अचानक जेल पहुंचकर पुलिस ने आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन से की पूछताछ

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 लखनऊ 
हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या में कई मददगार अभी एसआईटी के निशाने पर हैं। कुछ और तथ्य जुटाने के लिए शुक्रवार को पुलिस अचानक जेल पहुंची और हत्यारोपियों का कदम-कदम पर साथ देने वाले 10 लोगों के बयान लिये। साथ ही दोनों आरोपियों अशफाक और मोइनुद्दीन से भी पूछताछ की।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि बेहद गुपचुप तरीके से जेल पहुंची पुलिस ने सबसे पहले वकील नावेद और कामरान से कई सवाल जवाब किये। फिर इन लोगों ने बाकी मददगारों को बुलवाया। बताया जा रहा है कि कुछ तथ्य और पता चले थे। इनका मिलान कराने के लिए इन लोगों से पूछताछ करने के लिए पुलिस जेल गई थी।

नावेद और कामरान के दो करीबियों की तलाश
अशफाक से लगातार सम्पर्क में रहने वाले वकील नावेद ने कामरान की मदद से ही दोनों आरोपियों को नेपाल में शरण दिलायी थी। नावेद के पकड़े जाने के बाद कई राज खुले थे। हालांकि उसने पूछताछ में एटीएस और एसआईटी को खूब उलझाया था। नावेद से पूछताछ में सामने आई कड़ियां जुड़ती गई थी जिससे इस हत्याकाण्ड का करीब-करीब हर राज सामने आ गया था। इसी दौरान दो मददगारों के भी नाम सामने आये थे जो कामरान की गिरफ्तारी के बाद से गायब हो गए हैं। चर्चा है कि ये दोनों फिलहाल नेपाल में छिप गए हैं।
 
आसिम के संपर्क में भी थे फरार मददगार
सूत्रों का कहना है कि नागपुर से गिरफ्तार आसिम के सम्पर्क में भी फरार मददगार थे। आसिम ने जब अशफाक से बरेली जाने को कहा था, तभी उसने नावेद से लेकर अपने सम्पर्क में रहने वाले हर व्यक्ति को दोनों आरोपियों की मदद करने के लिये तैयार रहने को कह दिया था। 18 अक्तूबर को खुर्शेदबाग में कमलेश तिवारी की हत्या के बाद आसिम अली के इशारे पर ही पूरा नेटवर्क फैलाया गया था।

बरेली व शाहजहांपुर में दबिश
एसआईटी के एक अधिकारी के मुताबिक एक टीम ने बरेली और शाहजहांपुर में कई जगह दबिश दी। एसआईटी को पता चला था कि नावेद और कामरान के साथ मदद करने वालों में शामिल दो लोग इन स्थानों पर ही छिपे हुए हैं। हालांकि पुलिस को दबिश में कोई सफलता नहीं मिली।

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