सरकार बनाने के लिए दूसरों से आस, महाराष्ट्र में BJP-शिवसेना गठबंधन पास: हरियाणा में भाजपा को झटका

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 नई दिल्ली 
महाराष्ट्र चुनाव में मतदाताओं ने एक बार फिर भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर भरोसा जताया है। वहीं, हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा का जनादेश आने से भाजपा को झटका लगा है। सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी भाजपा को सरकार बनाने लायक सीटें नहीं मिली हैं। अब वह निर्दलीयों के सहारे सत्ता पर काबिज होने की जुगत में है। भाजपा को कड़ी टक्कर देने में कामयाब रही कांग्रेस के लिए भी नतीजे संजीवनी से कम नहीं हैं।
आठ मंत्री चुनाव हारे: हरियाणा के दंगल में 10 में से आठ मंत्री चुनाव हार गए। सिर्फ कैबिनेट मंत्री अनिल विज और राज्य मंत्री डॉ. बनवारी लाल ही अपनी सीट बचाने में सफल रहे। पार्टी के प्रदेश प्रमुख सुभाष बराला भी चुनाव हार गए हैं। उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा, करण दलाल और आनंद सिंह को भी हार झेलनी पड़ी है। इनेलो से अलग होकर बनी पार्टी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने 10 सीटें जीतीं हैं। पार्टी नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नई सरकार में उनकी अहम भूमिका होगी। उन्होंने,  शुक्रवार को पार्टी के बड़े नेताओं की बैठक बुलाई है।

अमित शाह को सौंपा जिम्मा: नतीजे आने के बाद गुरुवार देर शाम भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। इसमें महाराष्ट्र और हरियाणा में सरकार बनाने से जुड़े फैसले लेने के लिए पार्टी ने अमित शाह को अधिकृत किया गया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

गुरुग्राम-फरीदाबाद में भाजपा का दबदबा: गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल जिले में भाजपा का दबदबा रहा। गुरुग्राम की तीन सीट गुरुग्राम, पटौदी और सोहना में पार्टी ने जीत दर्ज की। हालांकि,बादशाहपुर सीट पर भाजपा को निर्दलीय प्रत्याशी से हार झेलनी पड़ी।  फरीदाबाद और पलवल जिले में नौ सीटों में से सात पर भाजपा ने जीत दर्ज की।

दो विधायक दिल्ली पहुंचे
भाजपा ने निर्दलियों के सहारे हरियाणा में सरकार बनाने की कवायद भी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल विधायक गोपाल कांडा और रणजीर्त ंसह को एक चार्टर्ड विमान से दिल्ली लेकर पहुंची हैं। कुछ और निर्दलीय विधायक भाजपा को समर्थन दे सकते हैं।

मनोहर लाल दिल्ली तलब
भाजपा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दिल्ली बुलाया है। चर्चा के बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार बनाने का दावा आज ही पेश करेगी। बहुमत के आंकड़ों के लिए निर्दलीय विधायकों से संपर्क साधने में बीजेपी जुटी है।

कांग्रेस भी चर्चा में जुटी
कांग्रेस भी विपक्षी दलों के संपर्क में है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को पार्टी ने चर्चा के लिए बुलाया है। बीएस हुड्डा दिल्ली पहुंच चुके हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि आज वह सोनिया गांधी से मुलाकात कर आगे का खाका तैयार करेंगे।

महाराष्ट्र में शिवसेना ने दबाव बढ़ाया
महाराष्ट्र में जीत के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि वह एक बार फिर शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। इसी बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा को 50-50 फॉर्मूला याद दिलाया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि  महाराष्ट्र का जनादेश कई लोगों के लिए आंख खोल देने वाला है। हमने कम सीटों पर (भाजपा की तुलना में) चुनाव लड़ने पर सहमति जतार्ई ंकतु मैं हर समय भाजपा के लिए गुंजाइश नहीं बना सकता। मुझे अपनी पार्टी को भी आगे बढ़ने का मौका देना है। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि भले ही भाजपा ने 2019 में 2014 के मुकाबले कम सीटें जीतीं पर उसका रेट इस बार बेहतर रहा।

पीएम मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिणाम आने के बाद कहा कि जब सरकारें अक्सर पांच साल बाद सत्ता खो देती हैं, महाराष्ट्र व हरियाणा में फिर से पांच साल के लिए भाजपा को बहुमत मिलना उल्लेखनीय है। यह हमपर लोगों का भरोसा व्यक्त करता है। 

किसे कहां कितनी सीटें:
महाराष्ट्र की 288 सीटों में से बीजेपी ने 105 पर जीत दर्ज की है और शिवसेना 56 सीटें जीतने में कामयाब हुई है। एनसीपी को 54 सीटें मिली हैं और कांग्रेस 44 सीटें जीतने में सफल रही है। 

हरियाणा की 90 सीटों में से पार्टी आधा रास्ता भी तय नहीं पाई और 40 सीटें ही जीतने में सफल रही। हालांकि, हरियाणा में बीजेपी ही सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बीएस हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी और 31 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर काबिज है। इसके अलावा दुष्यतं चौटाला के नेतृत्व में जेजेपी ने 10 सीटें जीती हैं। साथ ही 7 निर्दलीयों ने भी बाजी मारी है।

मत प्रतिशत भी घटा
लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 58 फीसदी वोट पाने वाली भाजपा का विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत लुढ़क कर 36.5 पर आ गया है। 
महाराष्ट्र में भी एनडीए गठबंधन का मत प्रतिशत घटा है। विधानसभा चुनाव में गठबंधन को 42 फीसदी मत मिले जबकि लोकसभा चुनाव में 51 फीसदी वोट मिले थे।
 

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