चिरमिरी में नशे के कारोबारियों के लिए पुलिस बनी काल, आरोपी राकेश सिन्हा से भारी मात्रा में नशे का सामान जब्त

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जोगी एक्सप्रेस 

नसरीन अशरफी

कोरिया /जिले का चिरमिरी नगर कभी काले हीरो की नगरी के रूप में देश भर में  अपनी अलग पहचान बनाये हुए था ,लेकिन बीते कुछ सालो में चिरमिरी के युवाओ को न रोजगार से मतलब न ही  परिवार से ,युवाओ को सिर्फ और सिर्फ घातक  नाशो का शौक़ लगा हुआ है !आये दिन पुलिस इस की रोक थाम के लिए जगह जगह छापा  मार कर कार्यवाही करती है , परंतु सारा भार पुलिस के जिम्मे सौपने से क्या हमारी जिम्मेदारी ख़तम हो जाती है ?क्या जनता की इस नशे के कारोबारियों के विरुद्ध कोई जवाब देहि नहीं ?क्या हमारा समाज इतना पंगु और नाकारा हो गया की गलत और सही में फर्क करना भी अब अपनी जिम्मेदारी नहीं समझता !वही बीती शाम चिरिमिरी पुलिस को एक और सफलता हाथ लगी है। इस बार नशीली दवाओं का कारोबारी राकेश सिन्हा चिरिमिरी पुलिस के हत्थे चढ़ा है। आरोपी से लगभग बजार कीमत की 8460 रुपये के नशीली दवाई पुलिस ने बरामद की है।
मामले का खुलासा करते हुए जिले के पुलिस कप्तान विवेक शुक्ला व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरिया निवेदिता शर्मा ने बताया कि लगातार कोयलांचल क्षेत्र चिरिमिरी में नशीली दवाइयों से सम्बंधित सूचनाएं मिल रही थी। जिसके उपरांत चिरिमिरी पुलिस को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। चिरिमिरी पुलिस द्वारा मामले में सक्रिय मुखबिर लगाने के बाद इस कार्यवाही में सफलता मिली है।
आरोपी राकेश कुमार सिन्हा के घर पर रखे एक काले – नील रंग के बैग से codeine Phosphate and Tripti kisine Hydrochloride syrup 100 ml rc kuff flus cough syrup 34 नग, Alprazolam tablet ip tension 0-50 कुल 09 पत्ते प्रत्येक में 80 नग टेबलेट कुल 720 टेबलेट और Spasmo proxy on plus कुल 04 पत्ते प्रत्येक में 24 Capsule कुल 96 नग Capsule कुल टेबलेट 816 नग जिसकी बजार कीमत 8460 रुपये जप्त किया। आरोपी के विरुद्ध धारा 21 बी एन डी पी एस एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है।हमारे देश मे आज के समय मे नशा सबसे गंभीर समस्या बनकर उभर रहा है जिस पर रोक लगाना बहुत आवश्यक है। अनपढ़ लोगो के साथ साथ हमारे देश का पढ़ा लिखा और अच्छे घरो से आने वाले बच्चे भी इस लत के शिकार होते जा रहे है। जो जैसा माहौल का होता है वैसा नशा करता है। इस पढ़े लिखे वर्ग मे लड़का और लड़की दोनों ही समान रूप से नशे मे धुत रहते है।  सरकार इस तरफ कोई ध्यान नहीं देती है क्योकि सरकार को इन सभी से सबसे ज्यादा मात्रा मे टैक्स आदि मिलता है तो सरकार दवारा रोकने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता है।क्या सरकार की इस मामले मे कोई जिमेदारी नहीं बनती है क्या सिर्फ ऐसा नोटिस लगाकर की 21 वर्ष से ऊपर लड़का और 18  वर्ष के ऊपर की लड़की कोई अपनी इच्छा से कोई भी कार्य कर सकता है इससे क्या जिमेदारी खत्म हो जाती है। नशा न केवल पैसे की बर्बादी का माध्यम होता है बल्कि यह युवाओ की नशो मे जहर घोलने का भी काम करता है।आज के हालातो को देखते हुए ऐसा लगता है कि जब तक सरकार की आँखों से यह पट्टी हटेगी तब तक शायद बहुत देर हो जायेगी। युवा वर्ग दवारा नशे की ओर बढ़ने का एक कारण आजकल का माहोल और फिल्म जगत भी है। आजकल युवा डिप्रेशन आदि का शिकार रहता है और टेंशन मे नशे की और युवाओ के कदम बढ़ जाते है। कुछ आजकल की फिल्मो मे भी हद से ज्यादा नशा दिखाया जाता है क्या कोई अभिनेता सिगरेट दारू के मजे ले रहा होता है और मात्र नीचे लिख देने से की सेहत के लिये हानिकारक है क्या इनकी नैतिकता खत्म हो जाती है।यह 21 वी सदी भारत के युवाओ की है संसार मे सबसे ज्यादा युवा भारत मे ही हैं। परन्तु आज भारत का युवा नशे की चपेट मे आता जा रहा है और इसका कारण युवाओ मे नैतिकता का आभाव है!नशे के कारोबारियों के विरुद्ध चलाये गए इस अभियान में इनकी रही सराहनीय भूमिका थाना प्रभारी चिरिमिरी विनीत दुबे, लवांग सिंह, हेमपाल सिंह, रुक्मणी बंजारे, प्रिंस कुमार राय, अरविंद मिश्रा, भुपेन्द्र यादव, चन्द्र सेन ठाकुर, पुरुषोत्तम बघेल, रतनेश कुमार 

 

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