आतंकी वारदातों के बाद ‘बाहरी’ सेब कारोबारी सुरक्षित घरों में शिफ्ट

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शोपियां
सोमवार से अब तक कश्मीर घाटी में तीन गैर कश्मीरी लोगों की आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के बाद प्रशासन अलर्ट है। आतंकी दक्षिण कश्मीर में सेब के कारोबार को पटरी से उतारना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें मुंहतोड़ जवाब देते हुए प्रशासन ने नई रणनीति तैयार की है। गुरुवार से जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने दक्षिणी कश्मीर जाने वाले प्रवासी मजदूरों, ट्रक ड्राइवरों, और फल कारोबारियों को शोपियां और पुलवामा में सुरक्षित घरों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही सेब के कारोबार से जुड़े बाहरी लोगों की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है।

'केवल मुख्य रास्तों पर जाएंगे ट्रक'
शोपियां में जिला प्रशासन ने फैसला लिया है कि बड़े ट्रक केवल मुख्य रास्तों पर जाएंगे और उन्हें अंदरूनी इलाकों में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होगी। गुरुवार को राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया, 'फल उत्पादक अपने बागानों से छोटी गाड़ियों में सेब की खेप भेजने पर सहमत हो गए हैं। ये गाड़ियां मेन रोड के पिकअप पॉइंट पर पहुंचेंगी, जहां उन्हें ट्रकों पर लादा जाएगा। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिकअप पॉइंट्स पर सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए हैं।'

शोपियां में हमले का ज्यादा खतरा
बाहरी लोगों को कश्मीर घाटी में क्यों निशाना बनाया जा रहा है, इस पर डीजीपी ने कहा कि आतंकी खास तौर पर सेब के कारोबार से जुड़े लोगों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने बताया, 'ज्यादातर सेब पुलवामा से भेजे जाते हैं लेकिन शोपियां में थोड़ा देर से सेब पकते हैं, इसलिए उन्हें अब भेजा जा रहा है। शोपियां को आतंकियों का गढ़ माना जाता है, लिहाजा वहां हमले का खतरा ज्यादा है।'उन्होंने बताया, 'हत्याओं के बावजूद गुरुवार को ने केवल इस सीजन में सबसे ज्यादा फल का ट्रांसपॉर्ट हुआ है, बल्कि फल कारोबार के इतिहास में इतनी ज्यादा खेप पहले कभी नहीं भेजी गई।'

छोटी गाड़ियों में बागानों से लाए जा रहे सेब
इस बीच शोपियां के डेप्युटी कमिश्नर यासीन चौधरी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'अपनी खेप का इंतजार कर रहे सेब कारोबारी और ट्रक ड्राइवरों को कस्बे के नए होलसेल मार्केट और उसके आसपास के इलाकों में इकट्ठा होने को कहा गया है, जिससे प्रशासन उन्हें महफूज रख सके। हम उन्हें यहां लाने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही हमें उनकी कुल संख्या का पता चल जाएगा।'

इसके साथ ही ट्रकों को सीधे बागानों में जाने से बैन किया गया है, क्योंकि वहां आतंकी छिपे हो सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया, 'हमारा प्लान है कि पोर्टर और छोटी गाड़ियों के जरिए बागानों से हाईवे तक सेब की खेप को लाया जाए और यहां इसे ट्रकों पर लोड किया जा सके। इसके बाद ट्रकों के काफिले को सुरक्षा घेरे में रवाना किया जाए।'

वारदातों के बाद घाटी छोड़ रहे थे ट्रक ड्राइवर
मंगलवार को शोपियां में पंजाब के एक सेब कारोबारी की हत्या कर दी गई थी। इससे कुछ ही घंटे पहले पुलवामा में ईंट भट्ठे पर काम करने वाले छत्तीसगढ़ के एक मजदूर की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं, सोमवार को शोपियां में राजस्थान के एक ट्रक ड्राइवर की आतंकियों की गोली ने जान ले ली थी। इन तीन वारदातों की वजह से बहुत से ट्रक ड्राइवरों ने बिना अपनी खेप पहुंचाए घाटी छोड़ दी थी।

हालात में सुधार, 10 हजार ट्रक लोड कर रवाना
आधिकारिक सूत्रों का कहना है गुरुवार को सुरक्षा का भरोसा दिए जाने के बाद घाटी से कूच पर लगाम लगी है, हालांकि ट्रक ड्राइवरों और कारोबारियों में डर अब भी बना हुआ है। कुछ अपुष्ट रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि आतंकी मुख्य रूप से घाटी के बाहर के गैर मुस्लिम लोगों को निशाना बना सकते हैं। शोपियां के डेप्युटी कमिश्नर का कहना है कि दक्षिण कश्मीर में फल कारोबार को बर्बाद करने के आतंकियों के नापाक मंसूबे नाकाम रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों के दौरान इलाके के बागानों से लाए गए सेबों को 10 हजार ट्रकों में लोड करने के बाद सुरक्षित घाटी के बाहर रवाना किया गया।

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