पटना में जलजमाव के बाद टूटा डेंगू-डायरिया का कहर, मरीजों की संख्या 1000 के पार

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 पटना 
जलजमाव के बाद पटना में डेंगू और डायरिया का कहर है। पिछले दो दिनों में डेंगू के 140 मरीज चिह्नित हुए हैं। वहीं, डायरिया से पुनाईचक, मोहनपुर में एक बच्ची की मौत हुई है। पटना समेत पूरे बिहार में बाढ़ एवं जलजमाव वाले क्षेत्रों में डेंगू कहर बरपा रहा है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पीएमसीएच और एनएमसीएच में जांच शिविर लगाने का निर्देश दिया है। तेज बुखार वाले मरीज यहां आकर जांच करा सकते हैं। अभी राजधानी का ऐसा कोई इलाका नहीं बचा है, जहां डेंगू नहीं फैला हो। 

सबसे ज्यादा प्रभावित कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, पाटलिपुत्र, बाजार समिति और बाइपास का इलाका है। सात और नौ अक्टूबर को हुई जांच में पटना में डेंगू के 140 नए मरीज मिले हैं। इसमें पीएमसीएच में 100, सहयोग हॉस्पिटल में चार, जगदीश हॉस्पीटल में छह, साईं हॉस्पिटल में तीन, रूबन हॉस्पिटल में 16 और उदयन हॉस्पिटल में 11 डेंगू के मरीज चिह्नित हुए हैं। वहीं, डायरिया का प्रकोप सबसे ज्यादा पुनाईचक में है। यहां हर दूसरे घर में डायरिया का प्रकोप है। इसके अलावा कंकड़बाग, बाजार समिति इलाके में भी डायरिया पीड़ित बच्चे डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं।
 

राज्य में 1184 डेंगू मरीज
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के अनुसार राज्य में डेंगू मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1184 हो गया है। इनमें सिर्फ पटना में 823 मरीज पाए गए हैं। वहीं, चिकनगुनिया के 90 केस अबतक रिपोर्ट हो चुके हैं। इनमें 76 केस सिर्फ पटना के हैं। पटना में अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में प्रतिदिन औसतन 16-17 मरीज डेंगू के अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। वहीं, राज्य में रोज औसतन 20 मरीज सामने आ रहे हैं। वर्ष 2018 में राज्य में करीब 2100 मामले डेंगू के सामने आए थे। इनमें 1176 मामले सिर्फ पटना के थे। उन्होंने बताया कि डेंगू को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। इसे और नियंत्रित करने की आवश्यकता विभाग महसूस कर रहा है।

सभी मेडिकल कॉलेज में डेंगू जांच की सुविधा 
विभाग के अनुसार पटना के बाद भागलपुर में सर्वाधिक 82 एवं में नालंदा में 25 डेंगू के मामले सामने आए है। सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में डेंगू के जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। प्रधान सचिव ने बताया कि कंकड़बाग, राजेंद्रनगर व पाटलिपुत्रा में गुरुवार से घर-घर ब्लीचिंग पाउडर के पैकेट व हैलोजन टैबलेट का वितरण किया जाएगा। घर के अंदर व बाहर जलजमाव वाले स्थानों पर दवा का छिड़काव पोलियो की 50 टीमों द्वारा किया जाएगा। पटना के जलजमाव वाले क्षेत्रों के 60 हजार घरों तक इस टीम के पहुंचने का लक्ष्य है। घर-घर ब्लीचिंग पाउडर के वितरण को लेकर भी दस टीमें गठित की गई हैं।

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