वायुसेना दिवस पर भारत को मिला पहला राफेल जेट, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की पूजा

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पैरिस 
विजयादशमी के दिन आज जंग में विजय सुनिश्चित करने वाला दुनिया के शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक राफेल भारत को मिल गया है। पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों पर की गई एयर स्ट्राइक को देखते हुए भारतीय वायुसेना की ताकत अब और बढ़ जाएगी। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस से पहला राफेल फाइटर जेट रिसीव किया। कुछ देर बाद फ्रांस के एयरबेस पर ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल लड़ाकू विमान की की विधिवत शस्त्र पूजा भी की। उन्होंने राफेल जेट पर 'ऊं' लिखा। भारत को मिले पहले राफेल जेट का नाम वायुसेना प्रमुख राकेश भदौरिया के नाम पर RB 001 रखा गया है। आपको बता दें कि राफेल की डिलिवरी अगले साल मई में होगी क्योंकि भारत में इसे रखने के लिए अभी बुनियादी ढांचा तैयार हो रहा है। 

राफेल की पूजा का विडियो शेयर करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा, 'विजयादशमी के शुभ अवसर पर शस्त्र पूजन हमारी परंपरा है और ऐसे शुभ दिन पर राफेल जैसे फाइटर जेट के भारतीय वायु सेना में शामिल होने की PM मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व समस्त देशवासियों को मेरी शुभकामनाएं। यह विमान देश के शत्रुओं से सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा।' इससे पहले राजनाथ सिंह के साथ वाइस चीफ मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा फ्रांस के बोर्डोक्स स्थित एयरबेस पहुंचे, जहां 'हैंडओवर कार्यक्रम' के तहत उन्हें पहला राफेल जेट सौंपा गया। बार्डोक्स पहुचंने पर राफेल का निर्माण करने वाली कंपनी डसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने उनका स्वागत किया। 

राजनाथ बोले, राफेल से बढ़ेगी वायुसेना की ताकत 
हैंडओवर कार्यक्रम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित भी किया। राजनाथ ने कहा, 'आज ऐतिहासिक दिन है। आज भारत में दशहरा मनाया जा रहा है जिसे हम बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं। आज वायुसेना दिवस भी है। आज का दिन कई मायनों में ऐतिहासिक है। भारत फ्रांस के बीच 23 सितंबर 2016 को राफेल पर अंतर सरकारी समझौता हुआ था। मुझे यह जानकर खुशी है कि इसकी डिलिवरी सही समय पर हो रही है और हमारी वायुसेना की क्षमता में वृद्धि लाएगा। हमारा फोकस हमारी वायुसेना की क्षमता बढ़ाने पर है।' रक्षा मंत्री ने कहा, 'मुझे खुशी है कि इस वक्त बड़ी संख्या में भारतीय वायु सेना के एयरमैन फ्रांस में फ्लाइंग, मेंटेनेंस और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में ट्रेनिंग ले रहे हैं। उम्मीद है इस ट्रेनिंग से उन्हें भारत में मदद मिलेगी।' 

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति को दी श्रद्धांजलि 
राजनाथ ने पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति जैक शिराक को श्रद्धांजलि दी, जिनका हाल ही में निधन हो गया। उन्होंने कहा, 'मैं भारत सरकार और देश जनता की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति जैक शिराक को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने भारत-फ्रांस के बीच रणनीतिक संबंध स्थापित करने में हमारे पूर्व पीएम अटलजी के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।' रक्षा मंत्री ने साथ ही डिफेंस के अलावा अन्य मुद्दों पर फ्रांस द्वारा समर्थन जताए जाने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दो बड़े लोकतंत्र आगे भी शांति, पर्यावरण स्थिरता सहित अन्य मसलों पर काम करते रहेंगे। राफेल में उड़ान भरना मेरे लिए सम्मान की बात है। 

36 राफेल के लिए 59 हजार करोड़ की डील 
गौरतलब है कि भारत ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ इंटर-गवर्नमेंटल अग्रीमेंट किया था। राफेल जेट भारत को उस दिन सौंपा जा रहा है जब भारतीय वायु सेना अपना स्थापना दिवस मना रही है। 

अगले साल क्यों मिलेगी पहली खेप 
भारत को पहला फाइटर जेट राफेल आज प्राप्त हुआ है लेकिन पहली खेप अगले वर्ष मई में मिलेगी क्योंकि इसे रखने और संचालन के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को तैयार किया जा रहा है। वहीं, राफेल को रिसीव करने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों से मुलाकात की। बैठक आधे घंटे चली जिसमें महत्वपूर्ण मसलों पर व्यापक चर्चा हुई। 

राफेल का दम जानिए 
राफेल विमान के भारत आने के साथ ही वायुक्षेत्र में भारत के दबदबे का दौर शुरू होगा। माना जा रहा है कि राफेल से भारत को नई सामरिक क्षमता मिलेगी। राफेल लो लैंड जैमर, 10 घंटे तक की डेटा रिकॉर्डिंग, इजरायली हेलमेट वाले डिस्प्ले, कई खूबियों वाला रेडार वॉर्निंग रिसीवर , इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से लैस है। 27 फरवरी की डॉग फाइट में भारत के मिग-बाइसन द्वारा पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराया गया था। यह जेट पाक ने अमेरिका से खरीदा है। अगर राफेल और एफ-16 की तुलना करें तो राफेल उसके मुकाबले कई मायनों में ज्यादा शक्तिशाली है। 

राफेल का रेडार सिस्टम एफ-16 से ज्यादा मजबूत है। एफ-16 का रेडार सिस्टम 84 किलोमीटर के दायरे में 20 टारगेट की पहचान करता है, जबकि राफेल का 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट चिह्नित कर लेता है। राफेल स्काल्प मिसाइलों के साथ उड़ान भर सकता है जो कि करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य को भेद सकता है जबकि एफ-16 की ज्यादा से ज्यादा 100 किलोमीटर तक लक्ष्य पर निशाना साध सकता है। 

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