राफेल में लगीं 2 शक्तिशाली म‍िसाइलें, आसमान पर होगा इंडियन एयरफोर्स का राज

0

नई दिल्ली
बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय भारत ने फाइटर जेट रफाल की कमी महसूस की थी लेक‍िन अब यह इंतजार खत्म हो गया है. आज व‍िजयादशमी के द‍िन भारत के रक्षामंत्री राजनाथ स‍िंह फ्रांसीसी कंपनी डैसो के प्रोडक्शन प्लांट बोर्दू में शस्त्र पूजन करेंगे और पहला फाइटर जेट प्राप्त करेंगे.

फाइटर जेट रफाल कई मायनों में खास है. म‍िसाइल कंपनी एमबीडीए के अनुसार, रफाल में दो ऐसी म‍िसाइलें लगी हैं, ज‍िसके कारण भारत हवाई हमले में दुन‍िया में बाहुबली साब‍ित हो सकता है. रफाल में स्कैल्प और मेटेओर दो ऐसी म‍िसाइल लगी हैं जो इंड‍ियन एयरफोर्स के ल‍िए गेमचेंजर साब‍ित होंगी.

स्कैल्प लॉन्ग रेंज की ज‍िसके रहते रफाल को दुश्मन के इलाके में जाने की जरूरत नहीं है. स्कैल्प मिसाइल लंबी दूरी तक मार और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन के लिए ही बनी है.

600 किमी तक मार करने वाली 1300 किलो वजनी स्कैल्प से रफाल राजस्थान से ही पाकिस्तान के करांची जैसे दूसरे बड़े शहर को निशाना बनाया जा सकता है. इसमें 100 किमी तक मार करने वाली दूसरी मिसाइलें भी लगी हैं.

मिटिऑर (Meteor) मिसाइल हवा में हमले को रोकती है. यह बियॉन्ड विजुअल रेंज की सबसे मारक मिसाइल है. इस म‍िसाइल को एमबीडीए ने ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, फ्रांस और स्वीडन की मांग को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है.

मिटिऑर एडवांस रडार गाइडेड म‍िसाइल है. यह क‍िसी भी मौसम में व‍िमानों और म‍िसाइलों को ध्वस्त करती है.  सबसे खास बात यह कि रफाल का रडार दुश्मन के रडार को भी जाम करने में सक्षम है.

पहला रफाल भारत में अगले साल मई अंत तक आएगा. उस समय तक 10 भारतीय पायलट और 40 टेक्नीशियन फ्रांस में ही रफाल के साथ ट्रेनिंग करेंगे. ये टीम भारत लौटकर इतने ही वायुसैनिकों को ट्रेनिंग देगी. पहले 18 रफाल विमान अंबाला एयरबेस पर तैनात होंगे. शेष 18 पश्चिमी बंगाल के हाशीमारा बेस पर तैनात होंगे. हाशीमारा बेस से चीन और अंबाला से पाकिस्तान को जवाब देने की स्ट्रैटेजी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *