मजदूरी भुगतान के लिए दर दर भटक रहे मजदूर , क्यू नहीं हुआ अब तक (मनरेगा) मजदूरों के मजदूरी का भुगतान

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जोगी एक्सप्रेस 

ब्यूरो अजय तिवारी 

सूरजपुर : संपूर्ण जिले में रोजाना कई शासकिय योजनाओं के  क्रियान्वयन में लीपापोती कर शासकीय योजनाओं का तेल निकाला जा रहा है परंतु सब कुछ जानते हुए भी इन शासकीय दबंगों के विरुद्ध कोई शिकायत करने का हौसला नहीं जुटा पाता है जिस कारण दिन-ब-दिन इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं और अब तो इन शासकीय दबंगों के द्वारा अपने उच्च अधिकारियों के आदेशों को भी रद्दी के भाव समझना प्रारंभ कर दिया है, जिससे  अन्य योजनाओं की तरह मनरेगा योजना भी अछूता नही है जिसका जीता जागता उदाहरण ओड़गी ब्लॉक में देखने को मिला है जहाँ मजदुरो को तीन वर्ष पूर्व किये गए मजदूरी का भुगतान आज तक लंबित है,
 प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम ओड़गी ब्लॉक के  पंचायत  अवन्तिकापुर में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत रोजगार सहायक एवं पँचायत सचिव के द्वारा तीन वर्ष पूर्व विभिन्न निर्माण कार्य कराया गया था जिस निर्माण कार्य में कार्यरत मजदुरो को अभी तक मजदूरी भुगतान नही किया गया है | वहीं मजदुरो ने ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय तक के अधिकारियो के द्वार पर माथा टेक कई बार आवेदन देकर भुगतान कराने की गुहार भी लगाई किन्तु आजतक उनके द्वारा दिए गए आवेदनों से किसी भी प्रकार की राहत अब तक उन्हे नही मिल पाई है |
       विदित हो की  मजदूरी कार्य कर पैसे कमाने के उद्देश्य से तथा लोगो को अपने क्षेत्र में भरपुर कार्य नही मिल पाने के कारण कई परिवारों को एक जिले से दूसरे जिले या राज्य में पलायन करना करना पड़ता था जिसको देखते हुए सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत इस तर्ज पर किया की कोई भी परिवार मजदूरी के लिए अपने मूल स्थान से कहीं  और पलायन न करें परंतु केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना का जिले में ग्रामीण स्तर के कर्मचारी से लेकर उच्च स्तर के अधिकारी तक तेल निकालने में लगे हुए हैं , लेकिन जिले में चल रहे इस योजना का संचालन देखकर अब ऐसा लगता है कि जिस समस्या से निपटने के लिए इन योजनाओं को प्रारंभ किया गया था अधिकारियों कर्मचारी मजदूरों का भुगतान रोककर उन्हें  पुन: उसी समस्या के तहत  पलायन करने पर मजबूर कर रहे हैं तथा उच्च स्तर के अधिकारी मुख दर्शक बनकर सिर्फ तमाशा देख रहे हैं इस संबंध में जब पीड़ितों से बात की गई तो उनका कहना है कि केंद्र सरकार की योजना मनरेगा जो पूरे राज्य में चलाई जा रही है हमारे मजदूरी भुगतान को रोक कर उस योजना की छवी को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है  जिबकी मनरेगा योजना के तहत मजदूरी भुगतान एक सप्ताह के भीतर होना निर्धारित है | हम ग्रामीणों के द्वारा किसी तरीके से किसी अन्य व्यक्ति के यहाँ से उधार मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं जो अधिकतम एक या दो महीनों के भीतर भुगतान होने की संभावना पर हम उधार लेते हैं परंतु हमारे भुगतान नहीं हो पाने के कारण हम लोग पूर्णरुप से कर्ज में डूब चुके हैं यदि हमें अपने हक की कमाई नहीं मिलेगी तो हम सब के द्वारा भुख हड़ताल किया जायेगा |

प्रशासनिक अधिकारियों की करो वाह वाही फ़िर यहाँ बहती है उल्टी गंगा 

 जब सैंया बने  कोतवाल तो डर काहे का यह कहावत सूरजपुर जिले में चितार्थ हो रही है सूरजपुर जिले में वाहवाही लूटने व सुनने का खुमार उच्च अधिकारियों के सर पर कुछ इस प्रकार चढ़ चुका है कि वह अपने निचले स्तर के कर्मचारीयों से वाहवाही सुनने के लिए उनकी हर गलती को अनदेखा करने से भी नहीं चूक रहे हैं फिलहाल अब यह देखना बाकी है की इन मजदूरों को उनके हक की कमाई आखिरकार कब मिल पाती है |

अपने हक की कमाई के लिये दर दर भटक रहे मजदूर 

 3 वर्ष पूर्व किए गए कार्य के लिए जगह जगह आवेदन देखकर ग्रामीण इतने थक चुके हैं कि उन्होंने अपने हक की कमाई नहीं मिलने पर हड़ताल पर जाने का निश्चय कर लिया है जिनमें ललीत पंडो, फुलकुवंर पंडो, प्रेममती पंडो, हुबलाल पंडो, मटुकलाल पंडो, भगमनिया पंडो, सुखनी पंडो, हिरामती पंडो, शंकर पंडो, ऐसे अन्य कई मजदूर लोग हैं जिनका भुगतान अब तक नहीं हुआ है |

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