किरायेदारों को मुफ्त बिजली में अड़चन, मकान मालिक नहीं दे रहे कनेक्शन लेने की इजाजत

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 नई दिल्ली                              
दिल्ली सरकार ने किरायेदारों को राहत देते हुए 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने का ऐलान किया था, मगर बहुत से किरायेदार मकान मालिकों की वजह से इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। दरअसल, कुछ मकान मालिकों को लगता है कि उनके घर पर किरायेदार ने  बिजली का कनेक्शन लिया तो वे इस आधार पर पहचान संबंधी दस्तावेज बनवाकर उनका दुरुपयोग कर सकते हैं।

मकान मालिकों के इस रवैये का ही नतीजा है कि  किरायेदारों को न के बराबर कनेक्शन मिले हैं। बीते 25 सितंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस योजना की घोषणा की थी। तब से लेकर अब तक दिल्ली में तीन बिजली वितरण कंपनियों के कॉल सेंटर पर इस योजना के बारे में जानने के लिए हजारों कॉल आईं, मगर कनेक्शन लेने वाले महज 75 लोग आए। सभी 75 लोग उत्तरी दिल्ली क्षेत्र से आते हैं। दिल्ली में करीब 50 लाख लोग किराए पर रहते हैं। मगर 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ लेने वाले लोग बेहद कम है।

50 लाख लोग दिल्ली में किराये के मकानों में रहते हैं 

इन नंबरों पर फोन करके लें कनेक्शन
बीएसईएस यमुना        19122 
बीएसईएस राजधानी    19123 
टाटा पावर                 19124

केवल पूछताछ ही कर रहे लोग 
बीआरपीएल (दक्षिणी  और पश्चिमी दिल्ली)
* 3200 फोन कॉल पूछताछ के लिए आईं  
* 250 लोगों ने कनेक्शन लेने की इच्छा जताई 

बीवाईपीएल (पूर्वी और मध्य दिल्ली) 
* 2000 फोन कॉल पूछताछ के लिए आईं
* 220 किरायेदारों ने कनेक्शन के लिए इच्छा जताई

टाटा पावर (उत्तरी दिल्ली)
* 120 फोन कॉल औसतन रोज आ रही हैं, टाटा पावर के कॉल सेंटर पर   
* 75 के करीब किरायेदारों को अभी तक कनेक्शन दिए जा चुके हैं

मजबूरी में इरादा बदला
सोनिया विहार में हरीश मुख्यमंत्री किरायेदार बिजली मीटर योजना से कनेक्शन लेना चाहते थे। मगर मकान मालिक सीधे मना करने की बजाए घर खाली करने का इशारा कर दिया, जिसके बाद हरीश ने कनेक्शन लेने का इरादा छोड़ दिया।

धोखाधड़ी का डर सता रहा
लक्ष्मी नगर निवासी सरोज की भी यही समस्या है। उनके मकान मालिक को लगता है कि अगर उनके घर पर बिजली कनेक्शन हुआ तो कल को किरायेदार सभी दस्तावेज बनवाकर गलत काम कर सकता है, इसलिए वह किरायेदार के नाम पर बिजली का कनेक्शन हो।

सरकार बोली, मकान मालिक किरायेदार के बीच का मामला
बिजली कंपनी भी इस मामले में किरायेदारों की कोई मदद नहीं कर सकती है। सरकार ने पहले ही कह दिया है कि यह मकान मालिक और किरायेदार के बीच का समझौता होगा। सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती है। 

किरायेदार मजदूर संगठन के अध्यक्ष महेंद्र पाल ने कहा, "ऐसे मामलों में मकान मालिक मंजूरी नहीं दे रहे हैं। वहीं, कनेक्शन  लेने के लिए 6540 रुपये के शुल्क को कई किरायेदार अधिक बता रहे हैं। इस वजह से किरायेदारों के अनुपात में कनेक्शनों की संख्या बहुत  ही कम है।" 

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