किसानों को 25 फीसदी बीमा राशि तत्काल दिलाने के प्रयासों में सरकार

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भोपाल
खाली खजाने के चलते गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही कमलनाथ सरकार ने किसानों को तत्काल राहत दिलाने के लिए बीमा कंपनियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि अब प्रभावित किसानों की व्यक्तिगत जानकारियां बीमा कंपनियों के पोर्टल पर दर्ज करने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। सरकार चाहती है की बीमा कंपनी तत्काल किसानों को राहत के लिए 25 फीसदी राशि जारी करे। इसके लिए दो दिन पहले कृषि संचालक ने बीमा कंपनियों और बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर किसानों की सूची दर्ज करने के निर्देश दे चुके हैं। सरकार का अनुमान है कि करीब 54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों को 33 फीसदी तक नुकसान हुआ है। उधर, कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे औसत उत्पादकता के आधार पर प्रकरण बनाकर क्षेत्र अधिसूचित करें, जिससे बीमा की राशि जल्द दिलवाई जा सके। सूत्रों के मुताबिक, 30 लाख से ज्यादा किसानों ने खरीफ फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा करवाया है। इसमें वे किसान भी शामिल हैं, जिन्होंने बैंकों से कर्ज नहीं लिया। दरअसल, फसल बीमा में सहकारी बैंक अपने द्वारा दिए गए कर्ज को सुरक्षित करने के लिए अनिवार्य रूप से फसल बीमा कराते हैं। यही वजह है कि जब किसानों को फसल बीमा की राशि मिलती है तो उस पर पहला हक बैंकों का होता है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीमा कंपनियों ने पोर्टल इसी सप्ताह खोला है। अतिवर्षा या बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान की जानकारी इस पोर्टल पर व्यक्तिगत तौर पर दर्ज की जाएगी।

39 जिले अधिक प्रभावित
राजस्व अफसरों का कहना है कि 52 में से 39 जिले अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। यहां फसलें बड़े पैमाने पर खराब हुई हैं। मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, शाजापुर आदि जिलों में 60 लाख 47 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल चौपट हुई है।

औसत उत्पादकता से तय होगा
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस बार फसल को जो नुकसान हुआ है, सिर्फ उसी आधार पर फसल बीमा की राशि तय नहीं होगी। पिछले पांच साल में वहां औसत उत्पादकता क्या रही है, इससे आकलन किया जाएगा। फसल पूरी नष्ट होने से बीमा अधिक बनेगा।

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