हनीट्रैप: एसआईटी की जांच रफ्तार मंद होने के बाद भी बड़े खुलासे की उम्मीद

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भोपाल
इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह पर तीन करोड़ रुपए की अड़ी डालने के आरोप में महिलाओं की गिरफ्तारी और उसके बाद दिग्गज नेताओं और आला अफसरों का नाम जुडऩे के मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी की जांच की रफ्तार धीमी हो गई है। कहा जा रहा है कि जांच में 20 अक्टूबर के बाद तेजी आने के आसार हैं। ऐसा इसलिए की एसआईटी चीफ 15 दिनों तक पूरे तथ्यों का एक बार परीक्षण करेंगे। अब तक की गई पूरी कार्रवाई को समझेंगे और उसके बाद जांच में गति आएगी। इस बीच एसआईटी के चीफ व स्पेशल डीजी साइबर क्राइम राजेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। दोनों के बीच तकरीबन आधे घंटे तक इस मुद्दे पर चर्चा हुई। तीन दिन के अंदर कुमार की मुख्यमंत्री से यह दूसरी मुलाकात है। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कुमार को मामले की गंभीरता से जांच करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने सीनियर आईपीएस अफसर राजेंद्र कुमार को नया एसआईटी चीफ बनाया है।

बड़ा सेक्स स्कैंडल, जांच में लगेगा वक्त
पुलिस सूत्रों की मानें तो यह बड़ा सेक्स स्कैंडल है और उसकी जांच में वक्त लगना तय है। ऐसे में एसआईटी चीफ भी शुरुआत में ज्यादा तेजी के मूड में नहीं हैं। लिहाजा वे पहले तथ्यों की पूरी और बारीकी से पड़ताल करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें पूरा समय दिया है। सीएम भी जल्दबाजी के मूड में नहीं हैं। वे चाहते हैं की कार्रवाई देर से हो, लेकिन पुख्ता और सबूतों के साथ की जाए, जिससे अपराधियों का पूरा कच्चा चिट्ठा बाहर आए। कुमार इस मामले के तीसरे एसआईटी चीफ हैं। इससे पहले आईजी सीआईडी श्रीनिवास वर्मा और एडीजी एटीएस संजीव शमी थे, जिन्हें बदला गया है। उल्लेखनीय है कि इंदौर पुलिस ने पांच महिलाओं और उनके ड्राइवर को गिरफ्तार कर अब तक के सबसे सेक्स स्कैंडल का खुलासा किया है। मामले में सत्ता से जुड़े तमाम नेताओं और नौकरशाहों का नाम आने के बाद से बवाल मचा हुआ है।

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