ओपनिंग डेब्यू में रोहित बने ‘मैन ऑफ द मैच’, कहा- जारी रहेगी तूफानी बैटिंग

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विशाखापत्तनम 

ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर पहली बार खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में दोनों पारियों में शतक लगाने वाले रोहित शर्मा को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया. रोहित ने इस मौके के लिए टीम मैनेजमेंट का धन्यवाद दिया. भारत ने पहले टेस्ट में मेहमान टीम को 203 रनों से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है. रोहित ने इस मैच की पहली पारी में 176 और दूसरी पारी में 127 रन बनाए. दोनों पारियों में रोहित ने कुल 13 छक्के लगाए और वसीम अकरम के एक टेस्ट मैच में सबसे अधिक छक्के लगाने के 23 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा.

पारी शुरू करना एक शानदार मौका
मैच के बाद रोहित शर्मा ने कहा, 'मैं विकेट पर जाकर अपना बेस्ट देना चाहता था. मेरे लिए पारी शुरू करना एक शानदार मौका था. मैं इस मौके के लिए सबका धन्यवाद करना चाहूंगा. खासतौर पर इसलिए क्योंकि मैंने यह काम पहले नहीं किया था. हमारा ध्यान मैच जीतने पर था और हम अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहे.'

रोहित पहले से ही कर रहे थे तैयारी
रोहित ने कहा,  'कुछ साल पहले उनसे कहा गया था कि वह टेस्ट मैचों में पारी की शुरुआत कर सकते हैं और यही कारण है कि वह नेट्स पर नई गेंद से अभ्यास किया करते थे. रोहित ने कहा, 'कुछ साल पहले मुझे यह संकेत दिया गया था. मैं शारीरिक और मानसिक तौर पर इसके लिए तैयार था.'

उन्होंने कहा, 'मेरे लिए यह चौंकाने वाले निर्णय नहीं था. आप चाहें लाल गेंद से खेलें या फिर सफेद से, पारी की शुरुआत में आपको सावधानी बरतनी होती है. आपको अपने बेसिक्स पर ध्यान देना होता है और अच्छी गेंदों का सम्मान करना होता है. मेरा काम एक खास अंदाज में खेलना था और यह वही था, जो लोग मुझसे सालों से उम्मीद करते आए हैं.'

नेचुरल खेल जारी रखेंगे रोहित
रोहित ने कहा कि वह आने वाले समय में भी अपना स्वाभाविक खेल जारी रखेंगे. रोहित बोले, 'मैं आगे भी अपना नेचुरल खेल जारी रखूंगा. मैंने अपने खेल में सावधानी के साथ आक्रामकता को शामिल किया है लेकिन इन सबके बावजूद काफी कुछ दिन के हालात पर निर्भर करता है.'

रोहित ने कहा,  'विकेट कैसी है, यह काफी अहम होता है. इस मैच में मेरे नाम कई रिकॉर्ड बने. मुझे इनकी जानकारी नहीं थी. मेरा ध्यान अपने खेल को इंजॉय करने और टीम को अच्छी स्थिति में लाने पर था. मैं अपने प्रयास में सफल रहा क्योंकि मैं मानता हूं कि किस्मत भी बहादुरों का साथ देती है.'

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