मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को दिए निर्देश : किसानों को मिलेगी 200 एकड़ में सिंचाई सुविधा

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 जोगी एक्सप्रेस 

रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज सवेरे यहां अपने निवास पर आम जनता से मुलाकात के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘जनदर्शन‘ में आम जनता की समस्याएं सुनी और अधिकारियों को समस्याओं के निराकरण के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए। बालोद जिले के डौंडी विकासखंड स्थित ग्राम मरकाटोला (सुरडोंगर) से आए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस गांव में दुसू नाला पर डायवर्सन वियर का निर्माण हो गया है, लेकिन खेतों तक नाली का निर्माण नहीं होने से किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री को ग्रामीणों ने बताया कि नाली निर्माण में लगभग 900 मीटर जमीन वन विभाग की आ रही थी। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन नाली का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है। इस वजह से गांव में लगभग दो सौ एकड़ कृषि भूमि पर सिंचाई सुविधा का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्या सहानुभूतिपूर्वक सुनी और जल्द ही नाली निर्माण का आश्वासन दिया। डॉ. सिंह ने मुख्य सचिव को वन विभाग से इस संबंध में सम्पर्क कर नाली का निर्माण  कराने के निर्देश दिए हैं। संसदीय सचिव श्री मोतीलाल चंद्रवंशी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।  मुख्यमंत्री से प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लगभग एक हजार 224 लोगों ने मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याए ंबतायी। इनमें से 736 लोगों ने व्यक्तिगत समस्याओं के निराकरण और 61 प्रतिनिधि मंडलों में 448 लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर सार्वजनिक समस्याओं के समाधान का आग्रह किया। डॉ. सिंह ने ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न प्रतिनिधि मंडलों के आग्रह पर लगभग 48 लाख रूपए की लागत के 13 विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की। इनमें से 10 कार्य सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण के और एक कार्य सामुदायिक भवन का शामिल हैं। मुख्यमंत्री से अनेक जरूरतमंद मरीजों ने मुलाकात कर उनसे इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने गंभीर बीमारियों से पीड़ित 44 मरीजों को संजीवनी कोष से सहायता उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की। उनके निर्देश पर छह मरीजों को निःशुल्क इलाज के लिए राजधानी रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल भेजा गया। जनदर्शन में लगाए गए मेडिकल कॉलेज के स्टाल पर 60 लोगों का रक्त परीक्षण कर मधुमेह और सिकलिंग की जांच की गई। राजनांदगांव जिले के गातापार गांव से आए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन लोगों ने वन विभाग की रोपणी में मनरेगा के तहत काम किया था। उनके मजदूरी की राशि पोस्ट आफिस में जमा हुई, लेकिन कुछ वन विभाग के कर्मचारियों ने राशि निकाल कर मजदूरी की आधी राशि का ही भुगतान किया है और आधी राशि बाद में भुगतान करने को कहा है। ग्रामीणों ने मजदूरी की शेष राशि का भुगतान जल्द कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर राजनांदगांव को इस मामले की जांच कर संबंधित मजदूरों को मजदूरी की शेष राशि का तत्काल भुगतान कराने के निर्देश दिए हैं। धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड के ग्राम बगदेही से आए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि गांव की चारागाह की 3.84 हेक्टेयर जमीन और 1.83 हेक्टेयर घास भूमि का उपयोग गांव के लोग चारागाह के रूप में वर्षों से करते आ रहे हैं। कुछ लोगों ने पिछले वर्ष इस जमीन पर धान की फसल लगाई थी, जिसे ग्रामीणों की शिकायत के बाद राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई की गई थी। इस वर्ष पुनः इन लोगों ने फसल लगाई है। ग्रामीणों ने इस भूमि से अवैध कब्जा हटाकर वहां वृक्षारोपण कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर धमतरी को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। कोण्डागांव जिले के माकड़ी विकासखंड के ग्राम आरंगुला से आए ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से आरंगुला-माकड़ी मार्ग पर गोगोड़ नाला और करंजी नाला पर पुलिया का निर्माण कराने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इस मार्ग की हालत जर्जर होने के कारण आरंगुला सहित ग्राम पीढ़ापाल और गुडरा के ग्रामवासियों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर कोण्डागंाव को इन पुलियों की स्वीकृति प्रदान कर पुलिया निर्माण कराने के निर्देश जारी किए है। मुख्यमंत्री ने राजनांदगांव जिले के ग्राम डोम्हाटोला से आए ग्रामीणों के आग्रह पर गांव के स्टाप डेम में गेट लगाने और स्टाप डेम से गांव के तालाब तक पाइप लाइन बिछाने के निर्देश जल संसाधन विभाग के सचिव को जारी किए हैं। मुख्यमंत्री से कबीरधाम जिले के बोडला विकासखंड की ग्राम पंचायत नवागांव के सरपंच श्री नारायण सिंह धुर्वे ने मुख्यमंत्री को धटोला नदी पर सिंचाई बांध का निर्माण कराने का आग्रह किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि इस नदी में आठ से 10 माह तक पानी रहता है। यदि यहां सिंचाई बांध बनाया जाता है, तो नवागांव सहित ग्राम सरोधी और सराईपतेरा में किसानों को लगभग एक हजार एकड़ में सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस बांध के लिए कलेक्टर कबीरधाम को सर्वे कराने के निर्देश जारी किए हैं।

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