ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए स्वास्थ्य शिविर का हो आयोजन : सुश्री उइके

0

राज्यपाल ने स्वास्थ्य केन्द्रों में सांसद निधि से शव वाहन और एम्बुलेंस की व्यवस्था करने का किया आग्रह स्त्री रोग विशेषज्ञों की तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ

रायपुर, ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे ऐसे स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाए, जिसमें ग्रामीण महिलाओं की विभिन्न बीमारियों का इलाज हो और उनके स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक जानकारी दी जाए। इससे ग्रामीण क्षेत्र में स्त्री स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता आएगी और महिलाओं को होने वाले बीमारियों के रोकथाम में भी मदद मिलेगी। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज राजधानी में आयोजित स्त्री रोग विशेषज्ञों की तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने इस अधिवेशन का शुभारंभ किया। यह आयोजन रायपुर आबस्ट्रिक्स एंड ग्यानेकोलॉजी सोसायटी (Raipur Obstetrics & Gynaecological Society) द्वारा किया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि यह देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों यहां तक जिला अस्पताल में भी लोगों को उनके परिजनों की मृत्यु के पश्चात शव को ले जाने के लिए भटकना पड़ता है। उन्होंने सुझाव दिया कि संबंधित क्षेत्र के सांसद अपने निधि से अस्पतालों, ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्रों में एम्बुलेंस और शव वाहन की व्यवस्था कराने का प्रयास करें। इससे निर्धन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। सुश्री उइके ने स्वास्थ्य मंत्री से भी ऐसी व्यवस्था मुहैया कराने का आग्रह किया और बताया कि जब वे राज्यसभा सांसद थीं तो उनके द्वारा छिन्दवाड़ा जिले में सांसद निधि से ऐसी सुविधा मुहैया कराई गई थी।
उन्होंने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में हो रहे नए अनुसंधानों का लाभ आम जनता खासकर दूरदराज क्षेत्र के लोगों को मिले। उच्च गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शासकीय और निजी, दोनों क्षेत्रों के चिकित्सकों के योगदान की आवश्यकता है।
सुश्री उइके ने कहा कि चिकित्सा सेवा को मानवता की सबसे बड़ी सेवा माना गया है। बीमार, असहायों एवं असाध्य रोगों से जूझते मरीजों के लिए की गई चिकित्सा सेवा से किसी को नया जीवन मिलता है। राज्यपाल ने चिकित्सकों से आग्रह करते हुए कहा कि जब उनके समक्ष कोई गरीब और जरूरतमंद मरीज आए तो उनके साथ संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करें और इलाज करें। साथ ही उन्हें शासन की योजनाओं की भी जानकारी दें, ताकि उनका लाभ ले सके।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस कार्यशाला से प्राप्त निष्कर्ष स्वास्थ्य सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि शासन के विभिन्न प्रयासों से मातृ मृत्यु दर में पहले से कमी आई है। संस्थागत प्रसव में भी बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य केन्द्रों में गर्भवती माताओं को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है, ताकि मातृ मृत्यु दर को शून्य तक ले जाने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
कार्यक्रम को पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक चन्द्राकर, पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. आभा सिंह एवं डॉ. आशा जैन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों से आए चिकित्सकगण भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *