दंतेवाड़ा चुनाव कांग्रेस और भाजपा में कशमकश

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रायपुर। बीते दिनों हुए विधानसभा चुनाव में मिली शानदार सफलता के बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की कमान संभालते ही चुनाव से पहले किए वादों पर अमल करना शुरू कर दिया है जिसका नतीजा लोगों में साफ दिखाई दे रहा है। लोगों ने कांग्रेस की सराहना की है कि उसने अपने किए हुए वादों को एक के बाद एक निभाया है इसके साथ ही कांग्रेस से लोगों की उम्मीदें भी बढ़ गई है. ऐसे में दंतेवाड़ा सीट के लिए आने वाले दिनों में होने वाले चुनाव कांग्रेस की प्रतिष्ठा के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं दंतेवाड़ा सीट से कांग्रेस ने देवती कर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं भाजपा ने भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी पर अपना दांव खेला है.

दंतेवाड़ा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है इसमें सत्ता से लेकर संगठन तक कांग्रेस की सारी इकाइयों को मजबूत करने के लिए वरिष्ठ नेताओं और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित प्रभारी पीएल पुनिया ने भी दिशा निर्देश दिए हैं।

इस सिलसिले में रायपुर पहुंचे पीएल पुनिया का कांग्रेसजनों ने शानदार स्वागत किया इसके बाद पुनिया ने बैठकों का दौर शुरू किया इन बैठकों में पुनिया ने कमजोर बूथों को जिम्मेदारी मोर्चा प्रकोष्ठ को दी है वहीं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी शत प्रतिशत वोटिंग कराने को लेकर के भी रणनीतियां बनाई गई है।

पिछले चुनाव में दंतेवाड़ा सीट से भाजपा को जीत का स्वाद चखने को मिला था वही अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद यह चुनाव कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है क्योंकि कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम खुद बस्तर संभाग से हैं। दंतेवाड़ा चुनाव कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है जिसके चलते कांग्रेस के दिग्गज नेता खुद मोर्चा संभाले हुए हैं।

इधर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने भी दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी ही दंतेवाड़ा में जीतेगी उन्होंने कहा है कि हमने 2018 का विधानसभा चुनाव में जो इकलौती जीत दर्ज की थी वह दंतेवाड़ा की सीट से ही थी ऐसे में इस बार भी यह सीट हम जरूर जीतेंगे।

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