प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन में पहली बार जम्मू-कश्मीर के युवाओं को रोजगार से जोड़ने का भरोसा दिया

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नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के तहत मिले स्पेशल स्टेटस का दर्जा खत्म किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन में पहली बार जम्मू-कश्मीर के युवाओं को रोजगार से जोड़ने का भरोसा दिया.

सेंट्रल-स्टेट के खाली पद भरे जाएंगे

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल्द ही केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर की आवश्यकता भी यहां के युवाओं को नौकरी देकर पूरी करेगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को सरकारी ही नहीं प्राइवेट सेक्टर की नौकरी दी जाएगी. सेना और अर्द्ध सैनिक बलों की भर्ती के लिए यहां खुली भर्ती होगी.

मिलेगी अन्य राज्यों की तरह सुविधा

पीएम ने कर्मचारियों से कहा कि उन्हें राज्य और केंद्र की ओर से मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलेंगी. इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस भी शामिल है, उन्हें दूसरे राज्यों के तरह एलटीसी, हाउस रेंट एलाउंस, बच्चों की शिक्षा के लिए एलाउंस और हेल्थ एलाउंस इन परिवारों को नहीं मिलती.

ऐसी सुविधाओं का तत्काल रिवीव कराकर उन्हें ये सुविधाएं दी जाएंगी.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप योजना का विस्तार किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्याथिर्यों को इसका लाभ मिल सके.

नहीं होगा बदलाव

साथ ही कहा कि आपका जन प्रतिनिधि ही आपके बीच ही आएगा. वो ठीक वैसे ही आएगा जैसे पहले चुनकर आता रहा है. आगे भी एमएलए होंगें, मंत्रिपरिषद आगे भी होगी. जैसे पहले आपके सीएम होते थे, वैसे ही आगे आपके सीएम होंगे.

नहीं रहेगा केंद्र शासित!

मुझे पूरा विश्वास है कि इस नई व्यवस्था के तहत आतंकवाद और अलगाववाद से लोगों को मुक्त कराएंगे. जब जम्मू-कश्मीर धरती का स्वर्ग फिर से पटरी पर आ जाएगा. शासन प्रशासन की सारी व्यवस्था जनहित कार्यों को आगे बढ़ाएगी तो मुझे नहीं लगता कि केंद्र शासित व्यवस्था लागू करने की जरूरत पड़ेगी. हां, लद्दाख में ये बनी रहेगी.

बता दें, मंगलवार को संसद ने जम्मू-कश्मीर को संविधान में आर्टिकल 370 के तहत मिले विशेषाधिकार को हटा लिया था. साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में बांटने वाले बिल को भी मंजूरी दे दी गई.

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों में पारित होने के बाद बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसकी घोषणा कर दी. संसद में कांग्रेस और कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इस फैसले का विरोध भी किया था. बता दें, इस अनुच्छेद को हटाए जाने के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में 35000 से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है. जिसका कई संगठन विरोध कर रहे हैं.

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