वालीवुड के मशहूर हास्य कलाकार ‘पप्पू पॉलिस्टर’ का फिल्मी सफर-

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जोगी एक्सप्रेस 

लखनऊ | लखनऊ में एक शूटिंग के दौरान लखनऊ के वी वी आईपी गेस्ट हाउस में पप्पू पॉलिस्टर से पत्रकार आफाक अहमद मंसूरी की एक खास मुलाकात में नवाब बद्रुल हसन से पप्पू पॉलिस्टर तक फिल्मी सफर कैसे तय किया इस बारे में हुई बातचीत के अंश..
-सैयद बद्रुल हसन खान बहादुर जिन्हें अब पप्पू पॉलिस्टर के नाम से जानते हैं वो लखनऊ के अवध शाही परिवार से हैं उनके दादा नवाब सुलतान बहादुर एक स्वतंत्रता सेनानी थे, पप्पू पॉलिस्टर 25 वर्षों से फिल्मों टीवी, थियेटर और विज्ञापनों में एक बहुत लोकप्रिय अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई है, 150 किलो काया वाले और अभिनय की अनूठी शैली ने उन्हें एक मशहूर अभिनेता के रूप में स्थापित किया है, हिन्दी, उर्दू, फारसी, अरबी, अंग्रेजी, पंजाबी, अवधी, भोजपुरी, आदि जैसी कई भाषाओँ में कुशल रहें |
-फिल्मी दुनिया में जाने का शौक उस वक़्त पैदा हुआ- जब एम. बी.ए. की पढाई के लिए लखनऊ से लन्दन जाने का मौका मिला, लन्दन में कुछ फिल्मी हस्तियों से मुलाक़ात हुई और उन्होंने फिल्मो का कुछ ऐसा शौक दिलाया कि  फिल्मी दुनिया में जाने का मन बना लिया, लेकिन घरवाले और खानदान शाही परिवार के थे इसलिए सब फिल्मी दुनिया को बुरा भला कहते थे और आज से तकरीबन तीस, पैतीस साल पहले फिल्मी जगत को बहुत बुरा समझा जाता था और खानदान में किसी की भी इजाज़त नही थी उन सबका ये कहना था कि अगर फिल्मी दुनियां में गए तो हमसे कोई रिश्ता नही रखना लेकिन फिल्मी दुनिया में जाने का नजरिया बन चुका था ज़िन्दगी अपनी मर्जी से जीने का फैसला कर लिया इन्ही पुख्ता इरादों के साथ लखनऊ से मुम्बई का सफर तय हो गया और फिर एक अभिनेता के रूप में लोगों के बीच जगह बनाई और धीरे धीरे सफलता की ऊंचाइयों पर कदम रखते चले गए दर्जनों टीवी धारावाहिकों में अभिनय किया जिसमे ‘टीपू सुलतान की तलवार’ में उनकी भूमिका मैसूर के महाराजा के रूप में उनको बहुत सराहा गया, बहुत सारी फिल्मो में काम किया और लोकप्रिय रही जैसे जोधा अकबर, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, मन, तेरे मेरे सपने आदि बहुत सी फिल्मे रहीं, दर्जनों विज्ञापनों में भी काम किया जैसे स्प्राइट, पेप्सी, पान पराग, कोलगेट वगैरा में अभिनय करके शोहरत की बुलन्दियों पर पहुंच गए | पप्पू पॉलिस्टर ने बताया कि मुम्बई जाने के बाद भी उनका मन लखनऊ से जुदा न हो सका, आज भी लखनऊ की गंगा जमुनी तहज़ीब, उर्दू जबान, पहले आप की तहज़ीब पूरी दुनियां में मशहूर है |

रिपोर्ट आफाक अहमद मंसूरी

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