सांसद छाया वर्मा ने लाऊस में विश्व महिला अत्याचार रोकथाम सम्मेलन में भाग लिया

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रायपुर/09 जुलाई 2019। विश्व में महिलाओं के खिलाफ घटने वाले अत्याचारों की रोकथाम विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन दिनांक 4-5 जुलाई, 2019 को लाउस की राजधानी वेनटेअना में रिजनल पार्लियामेंटरियन संगठन की जापान इकाई द्वारा आयोजित की गई। जिसमें 13 देश- चीन, भारत, जापान, कंबोडिया, मंगोलिया, पापुनगोनिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, थाईलैंड, टीमोरलेस्टे, श्रीलंका फिलिपिंस और लाउस के सांसदों का एक विश्वस्तरीय संयुक्त प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें भारत की ओर से श्रीमती छाया वर्मा एवं श्रीमती विपलव ठाकुर सांसद हिमचल प्रदेश ने भाग लिया।
इस सम्मेलन में महिला उत्पीड़न, (सामाजिक, आर्थिक, मानसिक, शारीरिक, तस्करी, लैंगिक असमानता) को कैसे दूर किया जाए पर श्रीमती छाया वर्मा, सांसद राज्य सभा ने कहा, ‘न्याय महिलाओं के करीब हो, नियम-काननू महिला हितैषी होना ही काफी नहीं है। जरूरत इस बात की है कि जो नियम-कानून हैं, उनका ठीक दिशा में पालन हो, जो आज नहीं हो रहा है, जिसके कारण महिलाओं-बच्चियों पर अनेक प्रकार की घटनाएं घट रही हैं, और यह नितांत दुख की बात है कि यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
आज समय की मांग है कि सभी को संस्कार में पीरोया जाए। संस्कार जो हमें बचपन में मिला करता था। वह इस भागम-भाग की जिंदगी के कारण संयुक्त परिवार न होने से दूर होता गया जिसका कारण अनेक प्रकार की बुराइयों को जन्म दे रहा है। एकल परिवार में बच्चों की परवरिश में संस्कार जो पुर्खों से मिलता था, वह अब नहीं मिल पा रहा है। इसका नतीजा घातक हो रहा है।
संयुक्त परिवार के विलय के बाद अब मानसिक और सामाजिक परिवेश में प्रशिक्षण की आवश्यकता है। घरों में लोग नशा के शिकार हो रहे हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम होना बहुत जरूरी है। अभी भी महिला दोयम दर्जे की मानी जाती हैं जबकि कंधे-से कंधा मिलाकर महिलाएं पुरूषों के साथ चल रही हैं। समाज में ऐसी मानसिकता अभी भी है। जब महिला एक कदम आगे निकल जाती है तो समाज के कुछ लोगों को दिक्कत महसूस होने लगती है। जरूरत है ऐसी मानसिकता को दूर करने की और समानता के साथ एक-दूसरे से कंधे से कंधे मिलाकर चलने की तभी आने वाली हमारी पीड़ियां समावेशी विकास कर पाएंगी।

 

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