बिहार विधानसभा: विपक्ष के हंगामे के बीच सवर्ण आरक्षण बिल पारित

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पटना : बिहार विधानसभा में आज विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सवर्ण आरक्षण बिल पारित हो गया। बिल के पास होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस बिल को सर्वसम्मति से पारित होना चाहिए था। लेकिन विपक्ष को हंगामा करने के अलावा कुछ सूझता नहीं। विपक्ष का काम है हंगामा करना। आज का दिन बिहार के लिए एेतिहासिक है।

नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि रांची से मिले आदेश के बाद राजद हंगामा मचा रहा है। हंगामा करने से और उल्टा ही होगा। उन्होंने कहा कि इस बिल से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास मित्र के मानदेय में 2500 रु प्रतिमाह, टोला सेवक और तालीमी मरकज के मानदेय में प्रतिमाह 2000 रु और मध्यान्ह भोजन योजना के तहत कार्यरत रसोइया के मानदेय में 250 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की। दूसरी ओर हंगामे के बीच बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण विधेयक, 2019 और बिहार निजी विद्यालय शुल्क विनियमन विधेयक 2019 सहित अन्य विधेयक विधानसभा से पारित कर दिया गया।

इससे पहले विधानसभा में सोमवार को मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सभा की कार्यवाही करीब चार मिनट बाद ही स्थगित कर दी गई। विधानसभा की कार्यवाही पूवार्ह्न 11 बजे शुरू होते ही राष्ट्रीय जनता दल के भाई विरेंद्र, ललित यादव और आलोक कुमार मेहता ने कहा कि बच्चों को लैंगिक अपराध से संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम की विशेष अदालत ने मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह यौन शोषण मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ संज्ञान लिया है, इसलिए मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

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