नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न

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नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन जानीमानी हस्तियों को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की है।पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, मशहूर संगीतकार भूपेन हजारिका और आरएसएस से जुड़े नेता एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा। शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन से जारी बयान में कहा गया कि नानाजी देशमुख एवं भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया जाएगा।

राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणव मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे। वह UPA-1 और UPA-2 सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे। कुछ महीने पहले संघ के कार्यक्रम में उनके शामिल होने को लेकर भी काफी बहस हुई थी। राष्ट्रपति बनने के बाद प्रणव ने कहा था कि अब वह किसी पार्टी के नहीं बल्कि पूरे देश के हैं।

संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवनभर दीनदयाल शोध संस्थान के अंतर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार के लिए कार्य करते रहे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था। वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए पद्म विभूषण भी प्रदान किया।

भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका ने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए। उन्होंने फिल्म ‘गांधी टू हिटलर’ में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन’ गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। 8 सितंबर 1926 में भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सदिया में जन्मे हजारिका ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तीनों हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने पर खुशी जाहिर की है।

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