गंगाजल उठाकर खाई गयी सौगंध के पूरा होने का संतोष : शैलेश नितिन त्रिवेदी

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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

 

देश की अर्थव्यवस्था और सरकारी नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव और कारपोरेट आधारित आर्थिक नीतियों के युग के अंत की ऐतिहासिक शुरूआत

किसान-मजदूर और ग्रामीण भारत बनेंगे अब छत्तीसगढ़ और कुछ समय बाद पूरे देश की आर्थिक नीतियों के केन्द्र बिंदु

रायपुर,छत्तीसगढ़ के किसानों की कर्जमाफी के महत्वपूर्ण पूरा श्रेय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देते प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 22 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के चुनाव अभियान की शुरूआत में ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साइंस कॉलेज मैदान में हुई सभा में किसानों की कर्जमाफी की स्पष्ट घोषणा की थी।

15 नवंबर को पत्रकारवार्ता में पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह और एआईसीसी मीडिया पैनलिस्ट जयवीर शेरगिल और प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने गंगाजल उठाकर कांग्रेस सरकार की शपथ ग्रहण के 10 दिनों के भीतर अर्थात 240 घंटो के भीतर किसानों की कर्जमाफी की सौंगध खाई थी, जो मुख्यमंत्री के रूप में भूपेश बघेल और टी.एस. सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू ने मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के एक घंटे के अंदर मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में कर दिखाया ।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की कर्जमाफी की फैसले में एक और बड़ी बात हुई। कर्जमाफी तिहार का विज्ञापन नहीं आया है। किसानों को सरकारी खर्च पर ही सही ढो-ढो कर मुख्यमंत्री का संबोधन सुनने को ले जाया नहीं गया और कर्जमाफी हो गयी। लैपटाप का बटन दबाने का स्वांग भी नहीं रचाया गया।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही कृषि ऋण की माफी से कांग्रेस और भाजपा के बीच का अंतर भी प्रदेश और देश के मतदाताओं को स्पष्ट उजागर हो गया है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का फैसला कर स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस की कर्जमाफी की घोषणा मोदी के सबके खाते में 15 लाख आने की तरह की घोषणा नही थी। मोदी की घोषणा की तो  बाद में अमित शाह जुमला कहकर खारिज दिया। भाजपा ने देशवासियों को आशाओं, आकांक्षाओं पर तुषारापात किया है। भाजपा नेताओं द्वारा लगातार कर्जमाफी को लेकर की जा रही बयानबाजी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिस भाजपा ने संकल्प और राज्यपाल के अभिभाषण के बावजूद 5 वर्ष लगातार बोनस नहीं दिया, एक-एक दाना धान की खरीद नहीं की, वह कांग्रेस सरकार को उपदेश देना बंद करें।

किसानों की कर्जमाफी और 2500 रूपये समर्थन मूल्य में कांग्रेस सरकार के फैसलों का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कृषि आधारित, गांव आधारित अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण से व्यापार और उद्योगो को भी बढ़ावा मिलेगा। 6100 करोड़ की कर्जमाफी से 16¬.65 लाख किसान के परिवारों को लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में 6000 करोड़ मिलने से व्यापार उद्योग धंधे भी लाभान्वित होंगे। धान की खरीद पर 750 रू. क्विंटल अधिक दिये जाने पर भी 6000 करोड़ रूपयों की इतनी ही राशि और छत्तीसगढ़ के किसानों को मिलेगी। छत्तीसगढ़ की कषि आधारित अर्थव्यवस्था में मजदूर किसानों की समृद्धि आयेगी तो व्यापार और छोटे-बड़े उद्योगो को भी बढा़वा मिलेगा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सहकारी और ग्रामीण बैंको से लिये गये सभी ऋणों की माफी तो कांग्रेस सरकार ने कर ही दी है। व्यवसायिक बैंकों से भी किसानों के ऋण की जानकारी ली जा रही है। किसानों के हित में और महत्वपूर्ण निर्णय कांग्रेस सरकार द्वारा घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ के 36 लक्ष्यों में पहले लक्ष्य के अनुसार जब किसानो को दो वर्ष के धान का बकाया बोनस का भुगतान किश्तो में किया जायेगा।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कर्ज से परेशान किसानों के फांसी अरोकर लटकने के बावजूद भाजपा सरकार के नेताओं के मटकने का दुखद और शर्मनाक सिलसिला अब खत्म हुआ। भाजपा की राज्य सरकार के शासनकाल में किसान आत्महत्या की संज्ञान में आयी घटनाओं की कांग्रेस ने जांच दल गठित कर जांच की और इन जांच दलों के निष्कर्षो के आधार पर किसानों की कर्ज माफी का सोचा समझा निर्णय लिया।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि किसानों की कर्जमाफी इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लेटर पैड में फोटोशाप करके दूसरा नाम लिखकर, दूसरे के हस्ताक्षर से किसानों को भ्रमित करने साजिश का खेल भी भाजपा के काम नहीं आया।

कांग्रेस लायी किसानों के अच्छे दिन

किसानों के खाते में कांग्रेस सरकार वापस करेगी 11 अरब 63 करोड़ 

धान मूल्य के अंतर की रकम भी मिलेगी

कर्जमाफी के आंकड़े जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेतृत्व वाली भूपेश बघेल सरकार ने अपने पहले ही आदेश में राज्य के 16 लाख 45 हजार किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा कर दी है, लेकिन अब कांग्रेस सरकार उन किसानों को भी राशि अदा करेगी, जो अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचकर कर्ज की राशि पहले ही अदा कर चुके हैं। ऐसे किसानों को अब सरकार को उनके बैंक खाते में राशि भेजकर 11 अरब 63 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने पड़ेंगे।

कांग्रेस सरकार बनने से पहले ही भूपेश बघेल व टी.एस. सिंहदेव ने पत्रकारवातायें लेकर साफ किया था कि धान बेचने वाले किसानों के अदा किए गए कर्ज की राशि भी वापस की जाएगी। हालांकि नई सरकार ने किसानहित में जो फैसले लेने की प्रक्रिया शुरू की है, उसमें इस मामले को लेकर कोई परेशानी नहीं है। जब तक खाते में रकम न आ जाए, तब तक किसानों को इंतजार रहेगा। साथ ही धान बेचने वाले किसानों को मूल्य के अंतर की राशि भी वापस की जाएगी।

प्रदेश में अब तक 27 लाख 54 हजार मीट्रिक टन से अधिक धान बेच चुके हैं, किसानों को पूर्व सरकार के हिसाब से करीब 1750 रुपए प्रति क्विंटल का रेट मिला है। कांग्रेस ने धान का मूल्य 2500 रुपए देने की बात कही है। जो किसान पुराने मूल्य पर धान बेच चुके हैं, उन्हें अब मूल्य के अंतर की राशि भी दी जाएगी। छत्तीसगढ़ में ज्यादातर किसानों ने सहकारी क्षेत्रों के बैंको व उससे जुड़ी सोसाइटियों से कर्ज लिया है। प्रदेश में सहकारी क्षेत्रों की 263 बैंक शाखाओं से कर्ज लेने वाले किसानों ने जब सोसाइटियों में धान बेचा, तो उनके कर्ज की राशि काटकर धान का मूल्य दिया गया है। धान बेचने वाले किसानों से सहकारी बैंकों 14 अरब 48 करोड़ 99 लाख 26 हजार रुपए से अधिक राशि लेनी है। इस राशि की डिमांड किसानों पर निकली है। धान बेचने वाले किसानों से अब तक 11 अरब 63 करोड़ 21 लाख रुपए से अधिक की राशि वसूल की जा चुकी है। यही राशि किसानों को अब वापस की जानी है। इसके बाद भी अभी किसानों पर सहकारी बैंकों को 285 करोड़ रुपए वसूलना शेष है। यह राशि जिन किसानों के सिर पर कर्ज है, उसे सरकार ने माफ कर दिया है।

 

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