बैकुंठपुर कोरिया -स्वीकृत स्थान से हटकर दूसरे स्थान पर पुल का निर्माण।कही बड़े गोल माल के संकेत तो नहीं

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जोगी एक्सप्रेस 

पटना से राकेश खत्री की रिपोर्ट 

 कोरिया जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी आवागमन का रास्ता बेहतर नहीं होने से लोगों को एक गांव से दूसरे गांव आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक समस्या बरसात के दिनों में होती है, जब नदी नालों व खेतों की मेड़ या पगडंडियों में कीचड़ व जलभराव हो जाने से गांवों का संपर्क आपस में कट जाता है। कोरिया जिले के सोनहत भरतपुर विधान सभा  क्षेत्र में परेशानी सबसे अधिक है। बताया जाता है की आज भी इस विधान सभा  में कई गांवों में पुल व सड़क  नहीं होने से दिक्कत बनी हुई है।  ऐसा ही एक ग्राम सोनहत विकास खंड के अंतर्गत कटवार है जहाँ ग्रामीणों को ग्राम तक पहुचने के लिये नदी पार करने के अलावा अन्य कोई रास्ता नही है जहाँ पूर्व कलेक्टर एस प्रकाश ने इस वनांचल छेत्र में दौरे के दौरान ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए पुल की सौगात ग्रामीणों को देने की बात कही जिसे शासन ने भी स्वीकृति प्रदान की जहा राशि भी स्वीकृत हुई व कार्य भी प्रगतिरत है किंतु ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व कलेक्टर साहब ने ग्रामीणों की मांग अनुसार पुल के  कार्य की स्वीकृति ग्रामीणों के आवागमन मार्ग बगरी डाँड़ से कटवार के बीच पढ़ने वाले नदी पर दी थी व कार्य का सर्वे भी इसी जगह हुआ किन्तु निर्माण विभाग कार्य को दूसरे जगह पर करवा रहा है जिससे इस मार्ग पर बसे  ग्रामीणों को अब घूम कर अन्य स्थान व पंचायत भवन तक  जाना पड़ेगा वही यदि शासन ने जगह परिवर्तन किया तो निर्माण एजेंसी ने कार्य के सूचना पटल पर नए जगह का नाम क्यो नही लिखा है जिससे ग्रामीणों के मन मे संका है कि कहि निर्माण विभाग ठेकेदार को लाभ तो नही पहुचाना चाहता ।मिली जानकारी अनुसार इस ग्राम तक पहुचने के लिए शासन द्वारा लोधार नदी पर 84 मी लंबाई की पुल निर्माण की स्वीकृति बगरी डाँड़ से कटवार रोड पर दी जिसकी लागत 191.64 लाख रुपये है जहा निर्माण कार्य का जिम्मा शासन द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग को दिया गया है , जहा कार्य 1,11,2016 से चालू हुआ व फरवरी 2018 तक पूर्ण करने की संभावित तिथी है जिसे निर्माण विभाग ने स्वीकृत जगह पर न बना कर कुदरी से कटवार मार्ग पर निर्माण  सुरु कर दिया व कार्य भी प्रगति रथ है जहां स्थल परिवर्तन को लेकर ग्रामीणों में संका होना स्वाभाविक है वही निर्माण विभाग स्थल परिवर्तन की अनुमति ली गई है या नही के संबंध में रिकार्ड देख कर जानकारी देंने की बात कह रहा है ।

नदी से होकर गुजरते हैं

इस ग्राम तक पहुचने के लिए    अन्य मार्ग नहीं होने से नदी  से होकर ही एक जगह से दूसरी जगह जाने की मुसीबत है। सर्दी, गर्मी के दिनों में तो जैसे तैसे कर आना जाना होता है, लेकिन बारिश के दिनों में नदी में पानी का बहाव तेज हो जाने से दिक्कतों से गुजरना पड़ता है। नदी में उफान मारते पानी के बहाव के चलते गांवों का संपर्क एक दूसरे से न केवल कट जाता है, बल्कि इमरजेंसी की हालत में लोग बहते पानी के बीच अपनी जान जोखिम में डाल नदी पार करते हैं।

ये थी  सेतु की  लागत 

7.5 मीटर की चौड़ाई में बनने वाले इस मार्ग की लंबाई 84 मीटर है, जिसमें 191.64 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे ।                नवीन मेहता ,ईई, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना इकाई ,कोरिया ,का कहना है कि मुझे अभी कुछ ही दिन हुए है जिले पे ,मैं अभी जिले के अन्य कार्यो के निरचन में हु रिकार्ड देखने के पश्चात ही इस संबंध में कुछ भी जानकारी बता पाऊंगा आप संबंधित इंजिनीयर से पूरी जानकारी ले सकते है ।।।   वही ग्रामीण बृज किशोर  यादव जी का कहना है कि पूर्व कलेक्टर साहब ने बगरी डाँड़ से कटवार मार्ग पर नदी में पुल की स्वीकृति ग्राम में दौरे के दौरान देने की बात कही गई व कार्य का सर्वे भी इसी जगह पर हुआ किन्तु निर्माण विभाग द्वारा कार्य दूसरे जगह क्यो कराया जा रहा इस बारे में कोई जानकारी नही है वही कार्य स्थल पर बोर्ड भी इसी जगह का लगा है जब कि वह जगह कुदरी से कटवार के नाम से जाना जाता है ।

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