चुनाव की भेंट चढ़ी शहीद वीरनारायण की शहादत दिवस, औपचारिकता के लिए पहुंचे अधिकारी

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(भानु प्रताप साहू)
बलौदाबाजार। जिले के कसडोल विकासखंड की ग्राम सोनाखान जो न सिर्फ शहीद वीरनारायण सिंह के नाम से प्रसिद्ध हैं बल्कि स्वर्ण का खादान भी माना जाता हैं। जहां क्षेत्र में खुदाई पूर्णता बंद है। क्योंकि आज भी खुदाई के दौरान यहाँ स्वर्ण की कुछ  मात्रा पाया जाता हैं। स्थानीय लोगों की माने तो काफी साल पहले यहाँ सोना का बारिश भी हुआ था। जिससे इस क्षेत्र की विशालता और पहचान बढ़ गई थी। यहाँ आज शहीद वीर नारायण की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। ज्ञात हो कि शहीद वीर नारायण 10 दिसम्बर 1857 को मिट्टी में विलीन हो गए थे, लेकिन आचार संहिता और नेताओ की उपेक्षा के कारण शहीद की शाहादत दिवस चुनाव की भेंट चढ़ गयाकहे तो को अतिसंयोक्ति नही होगी। सुबह से ही ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित किया। वही 11 दिसम्बर को चुनाव के मतगणना के चलते कोई नेता की सुगबुगाहट नही दिखी।
*नही पहुंचे जन प्रतिनिधि*
यहाँ गौर करने वाली बात है कि शाहिद वीरनारायण सिंह की पुण्य तिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि देने कोई भी राज नेता नही पहुँचे। वही जिला प्रशासन के कुछ अधिकारी पहुंच कर शहीद वीरनारायण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। उल्लेखनीय है कि कल 11 दिसम्बर को मतगणना के चलते सरकारी आलाधिकारियों की व्यस्तता और अपनी हार जीत की फिक्र के चलते कोई भी नेता का आगमन नही हुआ। जाहिर सी बात है जब बात खुद की आती है तब सभी नेता अपना उल्लू सीधा करने पहुँच ही जाते है। शहीद वीरनारायण सिंह के सातवीं वंशज राजेंद्र दिवान ने कहा कि सही मायने में आज समाज के जितने भी लोग उपस्थित थे उन्होंने ही सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री दीवान ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हमेशा विकास के नाम से सोनाखान की उपेक्षा की है। यहाँ नेता लोग शहीद वीरनारायण सिंह के शहादत दिवस पर हमेशा आते है और राजनीति करके चले जाते है । चुनाव हो गया है लेकिन प्रदेश के कोई भी मंत्री आज सोनाखान नही पहुँचे जिससे अब उनकी सच्चाई सामने आ गई है जिसका पूरे क्षेत्र वासी आक्रोशित है।

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