माह-ए-रमज़ान ज़िन्दगी जीने की राह दिखाकर खुदा की बन्दगी का अहसास दिलाता है

0

जोगी एक्सप्रेस 

-खुद को खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना ‘माह-ए-रमजान’ न सिर्फ रहमतों और बरकतों की बारिश का वकफा है बल्कि समूची मानव जाति को प्रेम, भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी देता है, रोजा अच्छी जिंदगी जीने का प्रशिक्षण है जिसमें इबादत कर खुदा की राह पर चलने वाले इंसान का जमीर रोजेदार को एक नेक इंसान के व्यक्तित्व के लिए जरूरी हर बात की तरबियत देता है, पूरी दुनिया की कहानी भूख, प्यास और इंसानी ख्वाहिशों के गिर्द घूमती है और रोजा इन तीनों चीजों पर नियंत्रण रखने की साधना है, रमजान का महीना तमाम इंसानों के दुख-दर्द और भूख-प्यास को समझने का महीना है ताकि रोजेदारों में भले-बुरे को समझने की सलाहियत पैदा हो, बुराई से घिरी इस दुनिया में रमजान का संदेश और भी प्रासंगिक हो गया है, जंहा हर तरफ झूठ, मक्कारी, भ्रष्टाचार व अश्लीलता का बोलबाला है ऐसे में मानव जाति को संयम और आत्मनियंत्रण का संदेश देने वाले रोजे का महत्व और भी बढ़ जाता है, रोजे के दौरान झूठ बोलना, चुगली करना, किसी पर बुरी निगाह डालना, किसी की निंदा करना और हर छोटी से छोटी बुराई से दूर रहना अनिवार्य है, रोजे रखने का असल मकसद महज भूख-प्यास पर नियंत्रण रखना नहीं है बल्कि रोजे की रूह दरअसल आत्म संयम, नियंत्रण, अल्लाह के प्रति अकीदत और सही राह पर चलने के संकल्प और उस पर मुस्तैदी से अमल में बसती है, अमूमन साल में ग्यारह महीने तक इंसान दुनियादारी के झंझावातों में फँसा रहता है लिहाजा अल्लाह ने रमजान का महीना आदर्श जीवनशैली के लिए तय किया है, रमजान का उद्देश्य साधन सम्पन्न लोगों को भी भूख-प्यास का एहसास कराकर पूरी कौम को अल्लाह के करीब लाकर नेक राह पर डालना है, साथ ही यह महीना इंसान को अपने अंदर झांकने और खुद का मूल्यांकन कर सुधार करने का मौका भी देता है |
-रमजान का महीना इसलिए भी अहम है क्योंकि अल्लाह ने इसी माह में हिदायत की सबसे बड़ी किताब क़ुरआन शरीफ का दुनिया में अवतरण शुरू किया, रहमत और बरकत के नजरिए से रमजान के महीने को तीन हिस्सों (अशरों) में बांटा गया है इस महीने के पहले दस दिनों में अल्लाह अपने रोजेदार बंदों पर रहमतों की बारिश करते हैं – दूसरे अशरे में अल्लाह रोजेदारों के गुनाह माफ करते हैं – तीसरा अशरा दोजख की आग से निजात पाने की साधना को समर्पित किया गया है |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *