यहाँ तो देश के भालू बंदर भी दुश्मन को पछाड़ा करते है, आदमी की क्या करूं तुलना,करू यहां तो गिद्ध भी दहाड़ा करते है-कवि

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जोगी एक्सप्रेस 

धर्मजीत  सिंह की रिपोर्ट 

जब तक हम एक दुसरे से खुले दिल से बात नहीं करेंगे कविता का स्रजन नहीं होगा  :रेड्डी 

हल्दीबाड़ी के हाई स्कूल मैदान में अखिल भारतीय कवि सममेलन सम्पन्न

चिरमिरी । यहाँ तो ‘‘देश  के भालू बंदर भी दुश्मन  को पछाड़ा करते है, आदमी की यहाँ  क्या  तुलना करू , यहां तो गिद्ध भी  दहाड़ा करते है ।‘‘
उपरोक्त बाते चित्रकूट से आये वीर रस के कवि सत्येन्द्र पाण्डेय ने चिरमिरी के हल्दीबाड़ी स्कूल परिसर में लोक कला मंच द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कही । कार्यक्रम का शुभारंभ चिरमिरी के महापौर के0 डोमरू रेड्डी एवं कवियों ने मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वल्लित कर किया । इसके बाद मंचस्थ कवियो का लोक कला मंच के सदस्यो द्वारा बैच लगाकर व स्मृति चिन्ह देकर उन्हे सम्मानित किया ।
इसके बाद दिए अपने संक्षिप्त उदबोधन में लोक कला मंच के अध्यक्ष एवं चिरमिरी के महापौर के0 डोमरू रेड्डी ने कहा कि नाली, पानी, बिजली विकास नहीं बल्कि निर्माण है । यह हमारी मूलभूत आवश्यकताओ  की पूर्ति है जो अनवरत चलती रहेगी । विकास का असली मतलब कटुता, वैमनस्यता का भाव छोड़कर आपसी भाईचारे और सहमति से शहर  को बौद्धिक उंचाईयों पर ले जाना है । और शहर का हर व्यक्ति चाहे वह नेता हो, अधिकारी हो, कर्मचारी हो या पत्रकार हो, सभी तनाव में जी रहे है । किसी के चेहरे में न तेज है, न कान्ति है और न ही वाणी में मधुरता है । ऐसे विकास का कोई मतलब नहीं है । लोगो के बौद्धिक स्तर को उंचा उठाने के लिए सहर  में लगातार साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन होते रहना चाहिए । जिस से लोग दिल से मिल सके .

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