आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन को लूटने के बाद अब उनके अधिकारों को भी लूटने की तैयारी:रिजवी

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छत्तीसगढ़ प्रदेश को मन्धुआ प्रदेश बनाने की तैयारी – रिज़वी

बस्तर महुआ उद्योग निर्माण का जनता कांग्रेस ने किया विरोध

धान का कटोरा के स्थान पर छत्तीसगढ़ को *बस्तर-महुआ* के नाम से पहचान दिलाने का प्रयास

आदिवासियों के परम्परा के साथ खिलवाड़, आदिवासी की संस्कृति को कुचलने का प्रयास

रायपुर,  जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया चेयरमेन इकबाल अहमद रिज़वी ने सरकार के द्वारा महँगी शराब के शौकीनों के लिए बस्तर महुआ शराब का उद्योग स्थापित करने की तैयारी का कड़ा विरोध करते हुए तथा सरकार के इस निर्णय पर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा भारतीय जनता पार्टी की यह सरकार छत्तीसगढ़ प्रदेश को किस ओर ले कर जा रही है यह समझ से परे हैं ? भाजपा राज में अब तक आदिवासियों के जल जंगल और जमीन को लूटा गया, अब देश दुनिया में विख्यात आदिवासी परम्परा और संस्कृति को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। आदिवासियों के परंपरा और संवैधानिक अधिकार पर कुठाराघात करते हुए महुआ शराब का व्यवासायिक करण करने का प्रयास किया जा रहा है, महुआ उद्योग स्थापित करने की तैयारी की जा रही है जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति की विरूद्ध है। रिज़वी ने कहा छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया मे धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन भाजपा सरकार इस पहचान को मिटाते हुए छत्तीसगढ़ को “बस्तर महुआ” के नाम पहचान दिलाना चाहती है नशे का व्यापार करने वाली यह सरकार जनता को नशे के अंधेरे कुँए में धकेलना चाहती है। श्री रिज़वी ने कहा सरकार के द्वारा आदिवासियों के रोजी रोटी का साधन और उनके परम्परा और संस्कृति का हिस्सा महुआ को खास प्रोसेस से शराब का एक ब्रांड बनाना चाह रही है और इसके लिए उन्होंने दिल्ली आईआईटी से करार किया है। रिज़वी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा सरकार का काम लोगों को समाज के वंचित और निर्धन वर्ग के लोगो कोविशेष कर आदिवाशियो को उचित शिक्षा, रोजगार उ स्वास्थ्य लाभ दिलाना होता है लेकिन भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता को मन्धुआ बनाकर प्रदेश को बर्बाद करना चाहती है।

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