शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़ा : नेता और शिक्षाकर्मियों की तलाश में नवागढ़ पहुंची रायपुर पुलिस

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जोगी एक्सप्रेस 

अमन ताम्रकार 

नवागढ़ .शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़ा व नवागढ़ ब्लॉक का चोली-दामन का संबंध है। शिक्षाकर्मी भर्ती में फर्जी प्रमाण पत्र का पहला सफल प्रयोग नवागढ़ जनपद में किया गया था। जिसकी परत अभी भी निकल रही है। इस कार्य को अंजाम देने वाले सरगना की तलाश में रायपुर पुलिस नवागढ़ जनपद में हाजिरी देकर अपना औपचारिकता पूर्ण कार्य कर रही है। प्रमाण पत्र के आपूर्तिकर्ता हाल में रायपुर में भर्ती फर्जीवाड़ा में मिले फर्जी प्रमाण पत्रों में पकड़े गए आरोपियों ने नवागढ़ ब्लॉक के एक दबंग भाजपा नेता व पूर्व जनपद सदस्य सहित दो शिक्षाकर्मियों का नाम प्रमाण पत्र आपूर्तिकर्ता के रूप में बताया है। इसके बाद से रायपुर पुलिस नदारद भाजपा नेता की तलाश में भटक रही है। पारदर्शी जांच जरुरी शिक्षाकर्मी भर्ती फर्जीवाड़ा की पहली शिकायत वर्ष 2007-08 में विधायक डीडी बघेल ने मुख्यमंत्री सहित विभागीय मंत्री से की थी। इसके बाद जांच में 99 के प्रमाण पत्र संदेह के दायरे में पाए गए थे, जिसमें 90 तो तत्काल नप गए थे। इसके बाद यह मामला पूरे जिले में गूंजा। यहां हो रहे आक्रमण से परेशान फर्जी गिरोह ने साजा को सुरक्षित ठिकाना बनाया, जहां अब जांच प्रक्रिया में है। इस बीच इस गिरोह से संबंध रखने वाले कई लोगों ने बेमेतरा जिले के बाहर कारोबार किया है। शिक्षाकर्मियों के पोस्टिंग की जानकारी ली जनपद से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को रायपुर पुलिस जनपद पंचायत आकर शिक्षाकर्मी कृष्ण कुमार तिवारी व भुनेश शुक्ला की पोस्टिंग के बारे में जानकारी ली तथा एक पूर्व जनपद सदस्य के बारे में भी जानकारी ली। इसमें केवल तिवारी की जानकारी यहां से संबंधित होने के कारण उनके स्कूल ग्राम घठोली बताया गया। जिन बिंदुओं पर नहीं हुई जांच नवागढ़ सहित पूरे राज्य में लगे प्रमाण पत्र बने कहां से ? इसका मुख्यालय कहां है ?जनपद पंचायतों व आरोपियों के पास मूल कॉपी नहीं मिलने का कारण क्या है ?कुल कारोबार कितने का किया गया ?कंप्यूटर एक्सपर्ट कौन है, जो अब तक सार्वजनिक नहीं हो सका ?जिस अनुपात में प्रमाण पत्र मिले इसे देखते हुए वर्ष 2001 से अब तक के प्रमाण पत्र व तबादला में गए शिक्षाकर्मियों के रिकॉर्ड की जांच क्यों नहीं की गई ?

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