सूरजपुर : प्रशासन की सक्रियता से रुके 11 बाल विवाह

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महिला बाल विकास विभाग, पुलिस एवं चाईल्ड लाईन का संयुक्त अभियान

जोगी एक्सप्रेस सूरजपुर 

सूरजपुर कलेक्टर जी.आर. चुरेन्द्र के निर्देष पर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रियंका ठाकुर के मार्गदर्षन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी  मनोज जायसवाल के नेतृत्व में सूरजपुर जिले में बाल विवाह रुकवाने का अभियान अनवरत जारी है। विगत तीन दिनों में महिला बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस एवं चाईल्ड लाईन के संयुक्त टीम ने जिले में 11 बाल विवाह रोकवाया गया।
    ग्रामीणांे द्वारा प्राप्त षिकायत पर दिनांक 14 अप्रैल 2017 को जिला बाल संरक्षण इकाई सूरजपुर एवं पुलिस थाना सूरजपुर द्वारा ग्राम पीढ़ा के दो नाबालिको के विवाह पर उनके दस्तावेजों के निरीक्षण पर षिकायत की पुष्टि होने पर समझाईस दी गई साथ ही दिनांक 14 अप्रैल 2017 को ही ग्राम पंचायत पसला में बाल नाबालिक के विवाह की सूचना पर टीम गई जहां बालिका की उम्र नहीं होने पर ग्रामवासियों के समक्ष पंचनामा तैयार कर विवाह से होने वाले नुकसान के संबंध में जानकारी दी गई। ग्राम पंचायत पीढ़ा में ग्राम सभा में भी पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के कार्य एवं बाल अपराध, पक्सो एक्ट, किषोर न्याय अधिनियम के संबंध में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल द्वारा बताया गया। जहां ग्रामवासियों ने भविष्य में बाल विवाह नहीं करने का निर्णय लिया। 15 अप्रैल 2017 को प्राप्त सूचना पर कि ग्राम दवना, करौटी एवं लोधिमा में बड़ी संख्या में बाल विवाह हो रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती प्रियंका ठाकुर के निर्देष पर दो टीम बना कर कर जॉंच करने एवं उसकी पुष्टि पर बाल विवाह रोकने के निर्देष प्राप्त हुए। षिकायत प्राप्त हुई थी कि ग्राम दवना में 05 बाल विवाह हो रहे हैं, जॉंच पर पता चला कि उसमें से तीन जिसमें दो बालिकाओं ने 18 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं किया है एवं एक बालक का उम्र 21 वर्ष नहीं हुआ था एवं दो अन्य के उम्र पुरा हो जाने के कारण उन्हें धूमधाम से विवाह करने को कहा गया। वहीं तीन को विवाह की आयु पूर्ण होने पर विवाह करने की समझाईस दी गई।
    ग्राम करौंटी से तीन बाल विवाह की सूचना प्राप्त हुई थी, जिसमें से दो बालिका का उम्र 16 वर्ष एवं 17 वर्ष होने से उन्हें समझाईस दे कर विवाह रोक दिया गया वहीं ग्राम की एक बालिका का उम्र हो जाने के कारण उसे विवाह में किसी प्रकार के रोक नहीं करने की बात बताई गई। ग्राम पंचायत लोधिमा में 03 बाल विवाह होने की सूचना पर टीम द्वारा तीनों के जॉंच के उपरांत उन्हें विवाह नहीं करने एवं उम्र हो जाने पर विवाह करने की सलाह दी गई।
    सभी जगह बताया गया कि बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है। बाल विवाह करने पर सभी अभिभावक बालक एवं बालिका बाराती, घराती, टेन्ट वाला, गाड़ी वाला, खाना बनाने वाला, पण्डित, नाऊ समेत सभी सहयोग करने वाले एवं विवाह में सम्मिलित समस्त लोगों पर अपराध के प्रावधान है। यह भी बताया गया कि ग्राम सभा में इस बार ऐजेण्डा के रुप में इसे शामिल भी किया गया है। इसलिए सभी की जिम्मेदारी है कि बाल विवाह क्षेत्र में न हो, मौंके पर उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों ने कहा कि हम सभी इन लोगों को समझाईस दे चुके है, हमारी बात ग्रामीण नहीं मानते। हम भी चाहते है कि गांव में बाल विवाह ना हो।
    बाल विवाह रोकने में मुख्यालय से विधिक सह परिविक्षा अधिकारी  अमित भारिया, संरक्षण अधिकारी प्रियंका सिंह, अखिलेष सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता कमला तिग्गा, अंजनी साहू, हर गोविन्द चक्रधारी, बालिन्दर प्रसाद सिंह, पवन धीवर, चाईल्ड लाईन से  ललिता जायसवाल, विमला राजवाड़े, कृष्णकांत, पुलिस विभाग से सुखीचंद एक्का, अमेष सिंह, तिलेष्वर सिंह एवं महिला आरक्षक बालकुमारी एवं अन्य सक्रिय रहे।

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