फिल्म विकास निगम के गठन नहीं होने पर आक्रोशित हुए छालीवुड अभिनेता अखिलेश पांडे ने कहा कि कलाकारों के लिए आखिरी सांस तक लडूंगा

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 बिलसपुर.छत्तीसगढ़ी फिल्मों के जाने माने अभिनेता अखिलेश पांडे का कहना है की छत्तीसगढ़ में फिल्म विकास निगम का गठन नहीं होने से छत्तीसगढ़ के कलाकारों के दुर्दशा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है लेकिन सरकार का ध्यान इस ओर बिल्कुल भी नहीं है पिछले 18 सालों से सरकार ने सिर्फ वादा किया और आज तक उन वादों पर अमल नहीं किया गया छत्तीसगढ़ की संस्कृति अपने आप में बहुत भव्य है और यहां के कलाकार अभाव में रहते हुए भी उस संस्कृति को विश्व स्तरीय मंच तक लेकर गए हैं परंतु कलाकारों के बार बार कहने पर भी फिल्म विकास निगम का गठन आज तक नहीं हो पाया है इस बात को लेकर संपूर्ण कला जगत में और सारे कलाकारों में पर्याप्त रोष व्याप्त है और कलाकार अब आर-पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं अखिलेश का कहना है कि निर्माता पूंजी लगाकर फिल्मों को बना रहे हैं और अच्छी फिल्में बना रहे हैं परंतु वह अपने दर्शकों तक पहुंच नहीं पा रहे हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ में सिनेमाघर की कमी है

और छत्तीसगढ़ी फिल्मों के दर्शक है उन तक हमारी फिल्में पहुंच नहीं पा रही है छत्तीसगढ़ी फिल्मों में जितने भी कलाकार है वह अपनी आजीविका के लिए किसी और माध्यम पर आश्रित है बड़े दुर्भाग्य की बात है की कलाकार अपने जज्बे को जगा कर रखे हुए हैं और लाख कमियों के बावजूद भी वह लगातार फिल्मों में काम कर रहे हैं जबकि उन्हें ना तो पर्याप्त मेहनताना मिलता है और ना ही सरकार से किसी प्रकार का सहयोग अखिलेश का मानना है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भविष्य बहुत उज्ज्वल है कमी अगर कुछ है तो वह है सरकार की उपेक्षा छत्तीसगढ़ में शूटिंग के लिए पर्याप्त जगह है और बॉलीवुड के लोग भी छत्तीसगढ़ में आकर काम करना पसंद कर रहे हैं अभी अभी छत्तीसगढ़ में एक बॉलीवुड फिल्म न्यूटन का सूट हुआ था जो कि ऑस्कर तक गई थी इसी प्रकार अखिलेश की बॉलीवुड फिल्म कठोर की भी शूटिंग पूर्णता छत्तीसगढ़ में हुई है और इस फिल्म में भी निर्देशक मुंबई से थे और कुछ बॉलीवुड कलाकार भी थे उनके अलावा अधिकतर कलाकार छत्तीसगढ़ से थे कठोर फिल्में काम करने आए बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता ललित परिमू जी ने जब यहां की स्थिति देखी तब उन्होंने भी यहां के कलाकारों को सलाम किया और कहा कि यहां पर्याप्त संभावनाएं हैं अगर सरकार का सहयोग मिल जाए तो यहां के कलाकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं यहां के कलाकारों को सिर्फ थोड़े से प्रशिक्षण की आवश्यकता है क्योंकि जज्बा उनमें भरपूर है हमने बहुत से कलाकारों से बात की और उनके दुख को समझने की कोशिश की हमने यह जानने की कोशिश की वह अपनी आजीविका कैसे चलाते हैं और हमें यह जानकर बहुत दुख हुआ कि कुछ कलाकार ऑटो चला रहे हैं कपड़ों की दुकान में काम कर रहे हैं कुछ ठेला चला रहे हैं और कुछ मजदूरी कर रहे हैं उनकी इस स्थिति को देखकर मन बहुत विचलित हो उठा कि जो कलाकार सारे समाज का मनोरंजन करता है उसकी स्थिति इतनी बदतर कैसे हो सकती है परंतु सरकार का ध्यान इस ओर है ही नहीं जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ दारू बेचने वह खरीदने में नंबर वन हो चुका है लेकिन जिस संस्कृति से छत्तीसगढ़ की पहचान है वह धीरे-धीरे खोती जा रही है अखिलेश ने बताया कि कलाकार अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन करेंगे और अपनी संस्कृति को बचाने के लिए जिस हद की लड़ाई करनी पड़े उस हक की लड़ाई करेंगे आज जहां हमारे साथ बने राज्यों में उत्तराखंड वह झारखंड में फिल्म विकास निगम का गठन बहुत पहले हो चुका है और वहां फिल्मों के लिए कलाकारों को काफी मदद की जा रही है छत्तीसगढ़ दिन प्रतिदिन कलाकारों के लिए खराब होता जा रहा है और यहां के कलाकार मजबूरी में पलायन कर रहे हैं कुछ कलाकार भोजपुरी फिल्म की ओर पलायन कर गए हैं और कुछ कलाकार हिंदी फिल्म की ओर पलायन कर रहे हैं कलाकारों का कहना है कि मरते दम तक अपनी कलाकारी नहीं छोड़ सकते उसके लिए उन्हें कुछ भी करना पड़े

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