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बुलंद हौसले से भारत दुनिया के 25 ताकतवर देशो में हुआ शुमार सूची में चौथे स्थान में भारत - Jogi Express

बुलंद हौसले से भारत दुनिया के 25 ताकतवर देशो में हुआ शुमार सूची में चौथे स्थान में भारत

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दुनिया में भारत की ताकत का डंका अब बजने लगा है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र सूचकांक के 25 देशों में भारत को चौथे स्थान पर सबसे ताकतवर देशों की सूची में रखा गया है। पूरी दुनिया में ताकत को मापने वाले सूचकांक में भारत को ‘भविष्य की असाधारण ताकत’ के रूप में बताया गया है। इसमें कहा गया कि भारत एशिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। हालांकि रक्षा नेटवर्क और आर्थिक संकेत में इसे पीछे रखा गया है। जबकि चीन की ताकत ऊपरी दो स्थान पर बरकरार है।
169 प्रतिशत की वृद्धि होगी भारत की अर्थव्यवस्था में 2016 से 2030 के बीच

ताकत सूचकांक में 25 बड़े देशों में भारत को ‘भविष्य की असाधारण ताकत’ बताया गया

लोवी इंस्टीट्यूट एशिया पावर इंडेक्स में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 25 देशों की ताकत का आकलन करता है। यह संस्था पाकिस्तान, रूस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका में भी ताकत मापती है। किसी भी देश की ताकत को मापने के लिए आठ बातों का ध्यान रखा जाता है, जिनमें आर्थिक संसाधन, सैन्य क्षमता, लचीलापन, भविष्य के रुझान, राजनयिक प्रभाव, आर्थिक रिश्ते, रक्षा नेटवर्क और सांस्कृतिक प्रभाव शामिल हैं। ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक द लोवी इंस्टीट्यूट शुरुआती सूचकांक में भारत चौथे स्थान पर रखा गया है।
भारत का यूं किया गया आकलनरिपोर्ट के मुताबिक ‘भारत और जापान दोनों ही सबसे बड़ी शक्तियां हैं। जापान जहां स्मार्ट ताकत है वहीं भारत भविष्य की विशाल ताकत है।’ रिपोर्ट में अमेरिका जहां पूर्व-प्रतिष्ठित ताकत है, वहीं चीन एक उभरती महाशक्ति है जो तेजी से अमेरिका की बराबरी हासिल कर रही है। संस्थान ने कहा, ‘दुनिया की चार बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से तीन एशिया में है। संस्थान के मुताबिक 2025 तक दुनिया की दो तिहाई आबादी एशिया में होगी जबकि पश्चिम में सिर्फ दस प्रतिशत फीसदी आबादी ही रह रही होगी।’

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एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चौथी बड़ी ताकत है भारत

इस सूचकांक में भारत को आर्थिक संसाधन, सैन्य क्षमता, राजनयिक प्रभाव के मानकों पर चौथे स्थान पर जबकि लचीलेपन में पांचवें स्थान पर रखा गया है। सांस्कृतिक प्रभाव और भविष्य की प्रवृत्तियों को लेकर यह तीसरे स्थान पर रखा गया है जबकि आर्थिक रिश्तों के मानक पर भारत सातवें और रक्षा नेटवर्क के मामले में 10वें स्थान पर रहा है।
उच्च, मध्यम व मामूली ताकत वाले देशों का ब्योराचीन की ताकत ऊपरी दो स्थानों पर बरकरार रखी गई है। वहीं रूस, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाइलैंड, न्यूजीलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान, ताइवान, फिलीपींस और उत्तर कोरिया को मध्यम ताकत का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा बांग्लादेश, ब्रुनेइ, म्यांमार, श्रीलंका, कंबोडिया, मंगोलिया, लाओस और नेपाल को मामूली ताकत का दर्जा दिया गया है।

आर्थिक रिश्तों व रक्षा नेटवर्क को इस तरह मापा

शोध रिपोर्ट के मुताबिक भारत को आर्थिक रिश्तों और रक्षा नेटवर्क में खराब प्रदर्शन वाले देशों में शामिल किया गया है। इसके लिए संस्थान ने आर्थिक रिश्तों को किसी भी देश की अन्य आर्थिक क्षेत्रों के साथ परस्पर निर्भरता, व्यापारिक रिश्तों, निवेश समझौतों और आर्थिक कूटनीति द्वारा प्रभावित करने की क्षमता के आधार पर मापा है। जबकि रक्षा नेटवर्क, डिफेंस पार्टनरशिप के रूप में मापी गई है, जो सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी के तौर पर मापी गई है।

साभारः अमर उजाला

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