अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जयराम रमेश की पत्रकार वार्ता

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रायपुर -राजीव भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और एआईसीसी के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि ये चुनाव छत्तीसगढ़ में विधानसभा के लिये चुनाव है। ये राष्ट्रीय चुनाव नहीं है, ये लोकसभा के लिये नहीं है। छत्तसीसगढ़ से संबंधित मुद्दों पर लड़ा जायेगा। कांग्रेस पार्टी का ये मानना है जो हमारा चुनावी अभियान है, जो हमारी गारंटी है, हमारे वादे स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित हैं। छत्तीसगढ़ की जनता की जो चिंता है, छत्तीसगढ़ की जनता की जो उम्मीदें हैं उसको हम अपने अभियान के द्वारा दर्शा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ हम लड़ रहे है। लेकिन भाजपा की रणनीति सिर्फ ध्रुवीकरण की रणनीति है। भाजपा के पास छत्तीसगढ़ में ध्रुवीकरण के अलावा और कोई मुद्दा नहीं है, भाजपा मुद्दाविहीन पार्टी है।

विगत दिनों प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आएंगे, असम के मुख्यमंत्री भी आए है। उनके भाषणों में केवल एक ही मुद्दा है ध्रुवीकरण की। आपको याद होगा 16 तारीख को देश के गृहमंत्री छत्तीसगढ़ आये थे। 18 तारीख को असम के मुख्यमंत्री आये थे। उनके चुनावी भाषणों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को एक मेमोरेंडम पेश किया है। हमने शिकायत की है, मैं चीफ इलेक्शन कमिश्नर से मिलने खुद गया था। उन्होंने नोटिस असम के मुख्यमंत्री को दिया है जो कवर्धा में उनका भाषण था। हालांकि गृहमंत्री के बारे में अब तक कोई कार्यवाही नहीं की, पर हम उम्मीद करते है कि गृह मंत्री के भाषण पर उनको जो कार्यवाही करनी है, वो करेंगे। ध्रुवीकरण के अलावा भाजपा के पास और कोई मुद्दा नहीं है। चुनाव के कुछ ही दिन बाकी है, उसके लिये प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, अलग-अलग मुख्यमंत्री आयेंगे केवल इसी भावना से आयेंगे की कैसे ध्रुवीकरण का प्रोत्साहन कर सकें। हम इसका मुकाबला करेंगे हम डरते नहीं है। ये जो चुनावी टक्कर है एक तरफ एक राज्य सरकार है जिसकी पांच साल की उपलब्धियां है और दूसरी तरफ एक राजनीतिक पार्टी जो मुद्दाहीन पार्टी है, जो सिर्फ ध्रुवीकरण पर विश्वास रखती है।

प्रधानमंत्री आयेंगे दुनिया भर की बात करेंगे, कांग्रेस की आलोचना करेंगे। जिस तरह से हमारे प्रधानमंत्री शब्दों का इस्तेमाल करते है ऐसे शब्दों इस्तेमाल मैं नहीं कर सकता हूं, पर इस पत्रकार सम्मेलन में जरूर कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री गलती से भी सच नहीं कह सकते। वो छत्तीसगढ़ आये और नगरनार इस्पात प्लांट को लेकर उन्होंने क्या-क्या नहीं कहा? पर वास्तविकता क्या है? वास्तविकता यह है कि अक्टूबर 2020 से लेकर पिछले ढाई साल मोदी सरकार नगरनार इस्पात कारखाने को बेचने में लगी है। आज कहते है इसका निजीकरण नहीं होगा। मैंने 5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के स्टेटमेंट का खण्डन किया था कि मोदी सरकार ने खुद निजी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे है बस्तर का स्टील प्लांट के निजीकरण के लिये और मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आज बस्तर का स्टील प्लांट निजीकरण का कतार पर है। अगर मोदी सरकार को मौका मिले तो भिलाई स्टील प्लांट का भी निजीकरण कर दें। कल प्रधानमंत्री दुर्ग पधारने वाले है इसीलिये मैंने भिलाई का मिसाल लिया। हमारे देश का औद्योगीकरण भिलाई से शुरुआत हुई थी। भाखड़ा नांगल और भिलाई से शुरुआत हुई थी।

जिस तरह से हमारे सार्वजनिक संपत्ति है बंदरगाह है, एयरपोर्ट है, बिजली के घर है, सीमेंट फैक्ट्रिया है इनका निजीकरण हो रहा है। नगरनार तो एक शुरुआत थी। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कहते है कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं था, पर हकीकत ये है कि अक्टूबर 2020 से मोदी सरकार निजीकरण करने में लगी हुई है। पहला मिसाल नहीं है छत्तीसगढ़ में। कोरबा में बालको का प्लांट का हुआ करता था उसका निजीकरण वाजपेयी जी के जमाने में हुआ। केंद्र सरकार की नीतियां है निजीकरण की नीति है। छत्तीसगढ़ की जनता के हित के लिए नहीं है। मैं आपको एक और मिसाल देता हूं केंद्र सरकार की नीतियों से कैसे छत्तीसगढ़ की जनता पीड़ित है सबसे ज्यादा रेलगाड़ियों का कैंसिलेशन छत्तीसगढ़ में हो रहा है। सबसे विलंब जो होता है ट्रेन चलाने में वो छत्तीसगढ़ में होता है। प्राथमिकता उन रेल गाड़ियों को दी जाती है, जो कोयला ले जाता है। यानी पैसेंजर ट्रेन को महत्व नहीं पर जो कोयला ले जा रहा है किसी निजी कंपनी के फायदे के लिये उसको आप प्राथमिकता दे रहे है। औसतन प्रतिदिन रायपुर में 1 लाख लोग बाहर से आते है इनमें से करीब 80 प्रतिशत रेल से आते है। रेल यात्रा में भारी कटौती हुई है। एक कारण ये है अगर आप छत्तीसगढ़ में देखे रेल यात्रा किस तरीके से नकारात्मक असर हुआ है। मोदी सरकार की नीतियों से रेल यात्रा प्रभावित हुआ है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कई बार खत भी लिखा कि भेदभाव करना बंद कीजिए। भेदभाव मत कीजिए। सभी राज्यों को एक समान समझिए। संघीय ढांचा पर आक्रमण मत कीजिए। जहां-जहां विपक्ष की सरकारें है कर्नाटका में, राजस्थान में, पश्चिम बंगाल में, हिमाचल प्रदेश में। आज हिमाचल प्रदेश में जो भयंकर बाढ़ आया था, उसको राष्ट्रीय आपदा आज तक घोषित नहीं हुआ।

एक तरफ कहते है कि हम संविधान में विश्वास रखते है। संविधान का पहला अनुच्छेद है हम एक संघीय ढांचा है। जहां बीजेपी की सरकार नहीं है वहां आप भेदभाव करते रहेंगे तो जनता जरूर चुनाव के वक्त आपको सही जवाब देगा। छत्तीसगढ़ की जनता जान गयी है कि अगर भरोसे की सरकार चाहिये तो कांग्रेस की सरकार जरूरी है।
इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने कई गारंटी दी है, वादे किए हैं, ये कागजी वादे नहीं है। मुझे खुशी है कि आज छत्तीसगढ़ की स्थापना दिवस है। छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। आज से ही हमने 17 गारंटी दिये है, एक गारंटी आज से लागू हो गया है। जो गारंटी आज से लागू हुआ है राज्य के स्थापना दिवस से लागू हुआ है वह है 20 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी किसानों से किया वादा पूरा किया। स्वास्थ्य, शिक्षा, किसान, महिला, युवा, आदिवासियों और वंचित वर्गों के लिए हमने ये गारंटी दिये है। जो गैस सिलेंडर आज 989 रुपए है उसमें 500 रुपए घटाया जाएगा और जो 500 रू. महिलाओं के सीधे खाते में जाएगा। हमारे देश में सबसे कम दाम एलपीजी गैस सिलेंडर का छत्तीसगढ़ में होगा। हमारे देश में ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां केजी से लेकर पीजी तक निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध है। इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज जितनी सरकारी शिक्षा संस्थाएं है। केजी से लेकर पीजी तक शिक्षा को निःशुल्क बनाना न केवल प्रगतिशील कदम है बल्कि एक क्रांतिकारी कदम है ये युवाओं के लिये फायदेमंद होगा। हमारा गारंटी है छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी कम से कम 2800 रू. प्रति क्विंटल के आधार पर ही किया जायेगा। हमारी गारंटी है कि जो बीपीएल परिवार है जो पांच लाख रूपया तक मुफ्त इलाज का प्रावधान है उसको 10 लाख रूपया किया जाएगा, जो गैर बीपीएल परिवार है इनके लिये सीमा पचास हजार है उसको भी 5 लाख किया जाएगा, स्वास्थ्य के लिये महत्वपूर्ण वादा है। जाति जनगणना कांग्रेस सरकार जरूर करवायेगी। हमने 2018 में जो वादे किये वो मैं कहूंगा कि हमने 98 प्रतिशत वादे पूरे किये। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के समय शराब के मामले में पहले नंबर पर था और आज 18वें नंबर पर है।

हमें पूरा विश्वास है कि पिछले पांच साल के अनुभव के आधार पर कांग्रेस पार्टी को जनादेश फिर से मिलेगा। स्पष्ट जनादेश मिलेगा। जो विभाजनकारी विचारधारा है, धु्रवीकरण की विचार धारा है इसको छत्तीसगढ़ की जनता स्वीकारेगी नहीं। सामाजिक सद्भावना को बिगाड़ने में जो विचारधारा ओवर टाइम काम करती है। उत्तरप्रदेश हो, राजस्थान हो, अभी मिसाल में आपको देखने को मिल रहा है मणिपुर में क्या हो रहा है, मणीपुर में जो हो रहा है वो विभाजनकारी नीति के कारण हो रहा है। पूरा विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत, स्पष्ट जनादेश मिलेगा पांच साल और कांग्रेस सरकार को मौका मिलेगा।

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