कांची मठ के शंकराचार्य जयेन्‍द्र सरस्‍वती का निधन

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कांची: कांची मठ के 69वें प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का 82 साल की उम्र में बुधवार यानि 28 फरवरी को तमिलनाडु के कांचीपुरम में निधन हो गया. आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. लंबे वक्त से ही उनकी तबीयत खराब थी.

कई स्कूलों, आंख सहित अन्य अस्पतालों का संचालन करने वाले कांची कामकोटि पीठ की स्थापना पांचवीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने की थी.जयेंद्र सरस्वती इसके मौजूदा प्रमुख थे. जयेंद्र सरस्वती कांची कामकोटि पीठ के 69वें मठप्रमुख रहे. वे 1954 में शंकराचार्य बने थे. महज 19 साल की आयु में 22 मार्च 1954 को चंद्रशेखेन्द्रा सरस्वती स्वामीगल ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था.

कांची मठ के मैनेजर सुंदरेशन ने बताया कि बुधवार से लगभग एक लाख लोगों ने शंकराचार्य के अंतिम दर्शन किए. आज आठ बजे से उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उनके पार्थिव शरीर को सजा कर मठ में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा.

कांची मठ दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है. जयेन्द्र सरस्वती के निधन के बाद अब कांची मठ में शंकरा विजयेन्द्र सरस्वती को शंकराचार्य नियुक्त किया जाएगा. विजयेन्द्र सरस्वती कांची मठ के 70वें मठप्रमुख होंगे.

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