छत्तीसगढ़ शासन धर्म और नीति के साथ चल रहा : बृजमोहन

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रायपुर:राजिम कुंभ कल्प के समापन अवसर पर धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सभी संतों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस्कॉन जम्मू कश्मीर से आए संत सुदर्शनदास प्रभु से निवेदन करते हुए कहा कि वे छत्तीसगढ़ की धरती से संकल्प लेकर जाएं कि अमरनाथ और कश्मीर में जो धर्म की ध्वजा फरह रही है, वहां हमेशा फहराती रहे।

हमने कोशिश की है कि कुंभ की परंपरा के अनुसार होने वाले शाही स्नान की परंपरा का निर्वहन करें, जो नागा बाबाओं और संतों के सहयोग तथा आशीर्वाद से पूरी तरह से उस परंपरा को निर्वहन करने में हमें सफलता मिल रही है। जिस प्रकार से यह कुंभ तीन नदियों के संगम पर आयोजित होता है, उसी प्रकार यहां पर तीन जिलों का भी संगम है और तीन विभाग पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व का भी संगम है। इस बार के कुंभ में हमनें तीन मुख्य आयामों का सफलता पूर्वक आयोजन किया।

जिसका उत्तरदायित्व धर्मस्व सचिव सोनमणी बोरा पूरी निष्ठा, लगन और इमानदारी से निभाया, जो संस्कृति को जीवित रखने का काम किया। बीते दिनों हुई बारिश और तूफान से प्रदेश के कई जिले प्रभावित हुए। लेकिन भगवान राजीव लोचन, कुलेश्वर महादेव और त्रिवेणी संगम तथा कुंभ के पुण्य प्रताप से राजिम कुंभ पर उतना असर नहीं पड़ा, जितना अन्य जिलों में नजर आया।

यदि हमारे भीतर संकल्प शक्ति है, तो ईश्वर के आशीर्वाद से सब संभव हो जाता है। ईश्वर हमारी परीक्षा लेते हैं। कुंभ के दौरान यहां पर संतों के चरण पधारे और उनके आशीर्वचनों की वर्षा हुई। मैं संतों से निवेदन करते हुए आव्हान करता हूं कि वे आशीर्वाद दें कि आने वाले समय में जब राजिम का कुंभ चौदवें वर्ष में प्रवेश करेगा, तब ये कुंभ और भी भव्य स्वरूप धारण करेगा।

मेरी ईश्वर से यही कामना है कि हमारा यह 18 वर्ष का युवा राज्य निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए उन्नती करें। हमारे छत्तीसगढ़ के लोग सुखी तथा समृद्धशाली बनें। राजिम कुंभ पधारे जगतगुरू ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन धर्म और नीति के अनुसार चल रहा है, जिसका साक्षात उदाहरण राजिम का ये कुंभ कल्प है।

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