मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के बेहतर संचालन में जिला प्रशासन की एक ओर पहल

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कुपोषण की श्रेणी में दर्ज बच्चों के घरों में मुनगा और पपीता की बन रही सुपोषण बाड़ी
पौधों की ग्रोथ की निगरानी के लिए बनाया गया इनका भी सुपोषण कार्ड, परिवार के सदस्यों के नाम पर पौधों का भी होगा नामकरण

कोरिया 14 जुलाई 2022/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने की मंशानुरूप संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का जिला प्रशासन द्वारा आदिवासी बाहुल्य कोरिया जिले में बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। आंगनबाड़ियों में बच्चों को गरम भोजन के साथ ही अतिरिक्त पोषण आहार के रूप में रेडी टू ईट फूड एवं अंडा खिलाया जा रहा है। गर्भवती व शिशुवती माताओं के साथ किशोरी बालिकाओं को एनीमिया से मुक्त करने एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा शुरू किए गए एनीमिया मुक्त कोरिया अभियान को भी आशातीत सफलता मिल रही है।
बच्ची अंशिका के साथ उनके घर में संसदीय सचिव एवं कलेक्टर ने लगाया मुनगा और पपीता का पौधा, हरित और सुपोषित कोरिया की ओर मजबूत कदम
इसी दिशा में एक ओर नवीन पहल करते हुए जिला प्रशासन द्वारा जिले में सुपोषण बाड़ी तैयार करने का काम किया जा रहा है। आज से जिले के सभी विकासखण्डो में ऐसे बच्चे जो कुपोषण की श्रेणी में हैं, उनके घरों में मुनगा और पपीता के पौधे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से रोपित किये जा रहे हैं। शुरूआत करते हुए ओड़गी ग्राम पंचायत में कुपोषण की श्रेणी में दर्ज बच्ची अंशिका के साथ उनके घर में संसदीय सचिव व विधायक श्रीमती अंबिका सिंहदेव एवं कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने मुनगा और पपीता का पौधा लगाया। हरित और सुपोषित कोरिया की ओर मजबूत कदम बढ़ाये गये। मुनगा और पपीता के गुणकारी फायदों को देखते हुए इनके पौधे लगाने का निर्णय प्रशासन द्वारा लिया गया है। इस तरह घर में ही सुपोषण बाड़ी तैयार की जा रही है।
पौधों की ग्रोथ की निगरानी के लिए बनाया गया इनका भी सुपोषण कार्ड, परिवार के सदस्यों के नाम पर पौधों का भी होगा नामकरण
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर श्री शर्मा के मार्गदर्शन में इस पहल के तहत पौधों और बच्चों की ग्रोथ की निगरानी के लिए सुपोषण कार्ड भी प्रशासन द्वारा जारी किया गया है। पौधों का नामकरण भी परिवार के सदस्यों के नाम पर किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के गृहभेंट के दौरान रोपित पौधे का विवरण सुपोषण कार्ड में दर्ज किया जायेगा। इसके साथ ही बच्चे के सुपोषण का विवरण भी कार्ड में दर्ज होगा। सुपोषण कार्ड में मासिक पोषण स्तर परिवर्तन को जानकारी, स्वास्थ्य परीक्षण, अतिरिक्त पोषण आहार वितरण और पोषण पुनर्वास केंद्र भर्ती का विवरण लिया जाएगा।

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