गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर निकली छत्तीसगढ़ की रामगढ़ की पहाड़ी पर आधारित झांकी को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

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केन्द्रीय रक्षामंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन के हाथों छत्तीसगढ़  हुआ सम्मानित 
अम्बिकापुर,छत्तीसगढ़ एक बार फिर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हुआ है। केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में आयोजित एक गरिमामय समारोह में गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर निकली छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के रामगढ़ की प्राचीन नाट्यशाला पर आधारित झांकी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। जनसंपर्क विभाग की ओर से अपर संचालक श्री उमेश मिश्रा और संयुक्त संचालक श्री धनंजय राठौर ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।
पुरस्कार प्रदान करते समय केन्द्रीय रक्षा मंत्री नेछत्तीसगढ़ के कलाकारों के प्रदर्शन की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस उपलब्धि के लिए राज्य की जनता को बधाई दी है। जनसंपर्क विभाग के विशेष सचिव और संचालक श्री राजेश सुकुमार टोप्पो ने बताया कि छत्तीसगढ़ के लिए यह गौरव की बात है कि राज्य की समृद्ध प्राचीन संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गौरवपूर्ण स्थान मिला। उन्होंने बताया कि भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों के समक्ष छत्तीसगढ़ की झांकी को प्रदर्शन का अवसर प्राप्त हुआ। किसी भी राज्य की झांकी को राजपथ पर प्रतिनिधित्व मिलना ही गौरव की बात होती है। पुरस्कार मिलने से यह खुशी दुगुनी हो गयी। उन्होंने बताया कि यह चौथी बार है जब राज्य की झांकी को राष्ट्रीय स्तर पर यह सम्मान मिला है। इसके पहले वर्ष 2006, 2010 और 2013 में भी राज्य की झांकी को यह सम्मान मिला था।
जनसंपर्क विभाग के विशेष सचिव और संचालक श्री राजेश सुकुमार टोप्पो ने बताया कि जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने पिछले 6 माह से इसके लिए अथक परिश्रम किया था। झांकी के साथ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने झांकी की विषय-वस्तु प्रसिद्ध कवि कालिदास की विश्वविख्यात रचना ‘‘मेघदूतम्‘‘ को जिसे उन्होंने रामगढ़ की पहाड़ियों में बनी इस नाट्यशाला में ही मूर्तरूप प्रदान किया था, अपने संगीत और नृत्य के माध्यम से सजीव रूप प्रदान किया।
ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ की झांकी में देश की सबसे पुरानी नाट्यशाला को प्रदर्शित किया गया था।छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में रामगढ़ की पहाड़ियों में स्थित यह प्राचीन नाट्यशाल 300 ईसा पूर्व की है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस की मुख्य परेड में सरगुजा जिले की रामगढ़ की पहाड़ी को छत्तीसगढ़ की झांकी में पहली बार शामिल किया गया था। झांकी को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर सरगुजा जिला एक बार फिर गौरवान्वित हुआ है।

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