पुत्र की अर्जी ,विकास खंड शिक्षा अधिकारी की मजबूरी या खुदगर्जी :पत्रकारों को भी अब नसीहत देने लगे है साहब

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असमंजस में पड़ा भैयाथान, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी की कार गुजारी,एक तरफ पुत्र मोह दूसरी तरफ जनता सारी

     अपनी गलतियां दबाने पत्रकारों पर बरसे साहब 

सूरजपुर, अजय तिवारी –    जिले में इन दिनो शिक्षा का स्तर दिन ब दिन गिरता जा   रहा है जिसका प्रमुख कारण एक तरह से शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों की कार्य प्रणाली भी है ।एक ओर  जहां शिक्षा विभाग के जिला मुख्यालय में विराजमान अधिकारियों को अपने कार्यालय से बाहर निकल कर बद से बदतर हो चूकी शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने की  फुरसत नहीं है वहीं उच्च अधिकारियों की इस तरह की लापरवाही का फायदा उठाने से विकासखण्ड स्तर के अधिकारी भी नहीं चूक रहे है  जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण
 हाल ही में विकासखण्ड भैयाथान  में  सामने आया है जहां बीईओ  के द्वारा कार्यालयीन पत्र जारी कर शिक्षकों को अवकाश लेने पर पाबंदी लगा दिया गया है किन्तु वहीं  विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ने अपने शिक्षाकर्मी पुत्र को उक्त कार्यालयीन पत्र को दरकिनार करते हुए  अवकाश लेने हेतु मंजूरी दी है।
  वहीं  सूत्रो की माने तो विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जब से भैयाथान कार्यालय में कार्यभार ग्रहण किये  है तब से आज तक जब भी साहब का कहीं भी  दौरा होता है तो उसमें उनके पुत्र की उपस्थिती अनिवार्य  होती है ।

 पत्रकारो को  नसीहत न देने की चेतावनी

बीते दिन गुरुवार को राज्य शासन के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा भैयाथान के जमड़ी मंदिर स्थित शिव महापुराण यज्ञ के भुमि पुजन के कार्यक्रम मे शामिल हुये थे  चुकी कार्यक्रम प्रोटोकाल के तहत था जिस  कारण ब्लाक मुख्यालय के समस्त अधिकारी कर्मचारी इस कार्यक्रम में  उपस्थित हुए थे जिसमे  विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मनमोहन सिंह पवार भी हमेशा कि तरह बीईओ का द्वितिय पद निभाने वाले अपने शिक्षाकर्मी पुत्र अखिलेंद्र पवार के साथ कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थे जिसे देखकर कार्यक्रम में  उपस्थित स्थानीय  पत्रकारो ने जब बीईओ से उनके पुत्र के  सम्बन्ध में बात किया तब साहब ने बड़े  ही दिखे स्वरों में  झल्लाते हुए यह कह डाला की मुझे कानुन न बताया जाये जिससे पूर्ण रूप से स्पष्ट होता है कि साहब के द्वारा ही अपने शिक्षाकर्मी पुत्र  को उक्त कार्यक्रम में ले जाया गया था जिसके पश्चात मामले ने तुल पकड़ लिया ।
 वहीं जब इस मामले को लेकर सम्बन्धित संकुल केंद्र समौली के प्रभारी से बात की गई तो  उन्होने बताया की अखिलेन्द्र सिंह पवार  शिक्षाकर्मी वर्ग 02 का अवकाश आवेदन संकुल दिनांक  25.01.2018 को  शाम 4:30 बजे के बाद मुझे प्राप्त हुआ  जिसमे पत्नी के इलाज के नाम पर सूरजपुर जाने हेतु मध्यान पूर्व आधे दिन का अवकाश की मांग की गई थी ।
  लेकिन वहीं कार्यक्रम में उपस्थित प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अखिलेन्द्र पवार सुबह   से लेकर दोपहर 3 बजे तक उक्त कार्यक्रम में अपने पिता जी के साथ शामिल  रहे  जिनका फ़ोटो भी एक   स्थानीय पत्रकार ने कैमरे में कैद कर लिया।
 वही यह भी एक सोचने वाली बात थी कि आधे दिन के अवकाश के लिए उक्त शिक्षक द्वारा संकुल के माध्यम से 25 /01/18 को ही अवकाश आवेदन  क्यो दिया गया जबकि एक दिन तक  का अवकाश सम्बन्धित संस्था का प्रभारी स्वीकृत कर सकता है  ।जब इस मामले की तहकीकात की गई तो पता चला कि जिस दिनांक को जमड़ी मन्दिर में मंत्री जी का  कार्यक्रम था उसी दिन कुछ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियो द्वारा उनके स्कूल का निरीक्षण किया गया जिसमें वह अनुपस्थित मिले इसकारण ही कार्यवाही से बचने के लिए उनके द्वारा आनन फानन में संकुल प्रभारी को  अवकाश आवेदन भेजवाया गया।
अब  यहां पर सोचनिय तथ्य यह है की भैयाथान बीईओ ने शिक्षाकर्मीयों के हडताल से वापस आने के बाद  सम्पूर्ण विकास खण्ड में पदस्थ शिक्षाकर्मीयो को पत्र जारी कर किसी भी तरह की अवकाश स्वीकृती पर प्रतिबन्ध लगा दिया था तो उन्होने अपने पुत्र को ऐसे कौन से  विशेष अधिकारो से नवाज रखा है जिन अधिकारों के तहत उनके अवकाश को मंजूरी दी जा रही है जिसे देखते हुए यह कहना गलत नही होगा कि आने वाले समय मे शेष स्कूलो में पदस्थ शिक्षक भी देखादेखी इसका अनुसरण करेंगे ।
   स्थानीय जानकारों की माने तो उनका कहना है कि आज से पहले हमलोगों ने मध्यान पश्चात अवकाश तो मिलता है लेकिन मध्यान पूर्व अवकाश के बारे में हमलोगों ने नही सुना था लेकिन अब पता चल गया कि जब अधिकारी पिता की शिक्षाकर्मी पुत्र पर छत्रछाया हो तो कुछ भी हो सकता है।वहीं उनका यह भी कहना है कि शिक्षाकर्मी  पुत्र को  साहब द्वारा अपने निजी वाहन का चालक बनाकर सैर कराई जा रही है  जो कि ब्लॉक मुख्यालय आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना हुआ है  ।
 वहीं नाम न छापने की शर्त पर कुछ शिक्षको ने बताया कि बीईओ अक्सर अपने पुत्र के साथ ही स्कूलों के निरीक्षण में निकलते है तथा  निरिक्षण के दौरान बिना किसी अधिकृत अनुमती के उनके पुत्र स्कूलों में संधारित पँजियो का भी   जांच करते है जो किसी भी स्थिति में जायज नही है लेकिन बीईओ साहब के द्वारा की जा सकने वाली कार्यवाही के भय  से  किसी की बोलने की हिम्मत नही  कर पाते है।
 
 मुझे इस संबंध में जानकारी अभी आपके द्वारा ही  प्राप्त हुई है । मेरे द्वारा मामले की जांच कराने पश्चात तत्काल कार्यवाही कि जायेगी।
                           राजेश सिंह 
                        जिला शिक्षाधिकारी  सूरजपुर
बहरहाल अब इस मामले में देखना यह बाकी रह गया कि क्या जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा इस मामले में  जांच करते हुए कोई ठोस कार्यवाही की जाती है या फिर सही करार देते हुये इनके मनोबल को और भी बढ़ाया जाता है ।

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