गौठान से केंचुआ बेचकर बीरा बाई को हुई 84 हज़ार रुपये की आय

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गौठान से केंचुआ बेचकर बीरा बाई को हुई 84 हज़ार रुपये की आय, तो मन मुताबिक मोबाइल फोन खरीद पाई फुलकुंवर को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना का मिल रहा लाभ, अपने अनुभव साझा करती महिलाओं में झलक रहा आत्मविश्वासहाट बाजार क्लिनिक का समय बढ़ाने की मांग, हितग्राही कर रहे सराहना

सोनहत के ग्राम पंचायत रजौली में कलेक्टर जनचौपाल में आई ग्राम धनपुर की श्रीमती फुलकुंवर ने कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के समक्ष बताया कि राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के तहत उन्हें राशि मिली है। गांव-घर में इस राशि से परिवार की बहुत मदद हो जाती है। ये बताते हुए फुलकुंवर के चेहरे की चमक देखते ही बनती है। शासन द्वारा निरंतर कृषक वर्ग, श्रमिक, वनवासी के में संचालित विभिन्न योजनाओं की कड़ी में प्रदेश के भूमिहीन श्रमिकों, पौनी पसारी व्यवसाय से जुड़े परिवारों को लाभ देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का प्रारंभ की गई है जिसके अंतर्गत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को आर्थिक मदद प्रदान कर उनके स्थिति को सुदृढ़ करने का कार्य किया जा रहा हैउल्लेखनीय है कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत तीसरी क़िस्त में जिले के कुल 3399 हितग्राहियों को 2000 रूपये की राशि उनके खाते में मिली है।शासन द्वारा निरंतर कृषक वर्ग, श्रमिक, वनवासी परिवारों के हित में संचालित विभिन्न योजनाओं की कड़ी में प्रदेश के भूमिहीन श्रमिकों, पौनी पसारी व्यवसाय से जुड़े परिवारों को लाभ देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का प्रारंभ की गई है जिसके अंतर्गत भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को आर्थिक मदद प्रदान कर उनके स्थिति को सुदृढ़ करने का कार्य किया जा रहा है। इसी तरह सोनहत के पोड़ी गौठान में वर्मी कम्पोस्ट और केंचुआ उत्पादन की आजीविका में संलग्न बीरा बाई ने बताया कि उन्हें केंचुआ विक्रय से 84 हज़ार 300 रुपये मिले हैं। अपनी कमाई का आत्मविश्वास अब ग्रामीण महिलाओं के चेहरों पर झलक रहा है। बीरा बाई कहती हैं कि अपने हाथ कमाई आने से मन मुताबिक मोबाइल फोन खरीद पाई हूं।मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक के ज़रिए आसानी से ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंच रही है।कलेक्टर जनचौपाल में ग्रामीणों ने एमएमयू से मिल रहे फायदे स्वयं गिनवाए और बताया कि नियमित रूप से जांच और इलाज के लिए पहुंचते हैं। ग्रामीणों ने एमएमयू का समय बढ़ाने की मांग की।

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