कृषि मेले से किसानों को खेती-किसानी में नई सोच के साथ नये प्रयोग करने की मिलती है प्रेरणा: गौरीशंकर

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किसानों का पांच दिवसीय महाकुंभ ’राष्ट्रीय कृषि मेला’ शुरू
आमदनी बढ़ाने किसानों को अपनानी होगी एकीकृत खेती की पद्धति: बृजमोहन
रायपुर, प्रदेश के हजारों किसानों और देश-विदेश के कृषि वैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की उपस्थिति में आज राजधानी रायपुर के पास ग्राम जोरा में ‘राष्ट्रीय कृषि मेला छत्तीसगढ़ 2018’ शुरू हो गया। विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने मेला स्थल के मुख्य मंच पर दीप प्रज्जवलित कर मेले का शुभारंभ किया। कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने समारोह की अध्यक्षता की। मुख्य अतिथि की आसंदी से श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। छत्तीसगढ़ के लाखों परिवार खेती-किसानी और उससे जुड़े काम-धंधों में लगे हुए हैं। छत्तीसगढ़ के विकास के लिए खेती-किसानी को सुविधाजनक बनाना जरूरी है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में अनेक योजनाएं शुरू की है, जिनके उत्साहजनक नतीजे सामने आ रहे हैं। श्री अग्रवाल ने विशेष रूप से किसानों को ब्याज मुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण देने की सरकार की योजना की चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का शायद ऐसा पहला राज्य है जिसने किसानों के लिए इतना बड़ा फैसला लिया है। 
विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रीय कृषि मेले की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से किसानों को खेती-किसानी के क्षेत्र में हो रहे नये अनुसंधानों और प्रयोगों के साथ-साथ नई कृषि तकनीक की जानकारी मिलती है। किसान ऐसे आयोजनों में पहुंचकर खेती-किसानी में नई सोच के साथ नये प्रयोग करने की प्रेरणा लेते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा दिया था। छत्तीसगढ़ के निर्माता और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे एक नई प्रगतिशील सोच के साथ आगे बढ़ाते हुए ‘जय जवान-जय किसान और जय विज्ञान’ का नारा दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य तभी पूरा होगा जब हम एक-एक बूंद पानी का सदुपयोग कर अधिक फसल लेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल के नेतृत्व में किसानों के हित में उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ को खेती-किसानी के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने किसानों को खेती-किसानी के आधुनिक तौर-तरीकों को अपनाना होगा।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज की जरूरत के अनुरूप देश-विदेश में खेती-किसानी के क्षेत्र में हो रहे नये प्रयोगों और नई तकनीक की जानकारी छत्तीसगढ़ के किसानों तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि मेले का आयोजन शुरू हुआ है। खेती-किसानी का काम जोखिम भरा होता है। नई सोच के साथ नवाचार करने से किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को अब एकीकृत खेती का तरीका अपनाना होगा, जिसमें फल-फूलों की खेती के साथ-पशुपालन, मछलीपालन भी शामिल रहेगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि जैविक खेती आज की जरूरत बन गई है। पानी के एक-एक बूंद का उपयोग कर अधिक से अधिक खेती-करने की नीति अपनानी होगी। इस दिशा में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई की तकनीक को आशा के अनुरूप सफलता मिल रही है। श्री अग्रवाल ने इस अवसर पर किसानों का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें फसल बीमा योजनाओं का लाभ जरूर लेना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विशेष प्रयासों से किसानों को इस साल प्रति क्विंटल धान बोनस मिला है। अगले साल भी किसानों को बोनस का वितरण किया जाएगा। प्रदेश सरकार किसानों की सरकार है। राज्य सरकार ने कृषि लागत कम करने और किसानों का मुनाफा बढ़ाने अनेक योजनाएं शुरू की हैं। छत्तीसगढ़ में खेती को लाभदायक बनाने का प्रयास हो रहा है।
समारोह के विशिष्ट अतिथि खाद्य मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने बहुत ही रोचक ढंग से फलों के नामों जैसे केला, पपीता, बीही की कविता बनाकर किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपनी कविता में पशुपालन-मछलीपालन का महत्व भी बताया। मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने कहा कि किसानों की मेहनत और लगन से छत्तीसगढ़ अब कृषि के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाने लगा है। राष्ट्रीय कृषि मेले में हर साल किसानों की भागीदारी उत्साह के साथ बढ़ती जा रही है। यह मेले की सफलता की पहचान है। कृषि मेले के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसान भी दूसरे प्रदेशों और दूसरे देशों में हो रहे नये कार्यों की जानकारी प्राप्त कर खेती-किसानी में उपयोग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में खाद्यान्न उत्पादन, बीज उत्पादन, उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन के क्षेत्र में सराहनीय प्रगति हुई है। छत्तीसगढ़ के किसान मेहनती हैं और नवाचार को समझते हैं। किसानों की मेहनत के कारण ही प्रदेश को चार बार राष्ट्रीय स्तर पर कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। राज्य शासन के कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री सुनील कुजूर ने अपने स्वागत उद्बोधन में राष्ट्रीय कृषि मेले के उद्देश्यों की चर्चा की।
समारोह में आत्मा योजना के तहत जिला स्तरीय उन्नत कृषक पुरस्कार से किसानों को सम्मानित किया गया। प्रगतिशील पशुपालकों का सम्मान भी समारोह में हुआ। इसके अलावा कृषि, पशुधन विकास, मछलीपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को अनुदान राशि के चेक भी दिए गए। समारोह में खेती-किसानी संबंधी विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया गया। मेले के शुभारंभ के बाद सभी अतिथियों ने विभागीय प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री तोखन लाल साहू, कृषि एवं बीज विकास निगम के अध्यक्ष श्री श्याम बैस, छत्तीसगढ़ राज्य वनौषधि बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामप्रताप सिंह, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, दूग्ध महासंघ के अध्यक्ष श्री रसिक परमार, मार्कफेड के अध्यक्ष श्री राधाकृष्ण गुप्ता, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा, पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री देवजी भाई पटेल, विधायक श्री मोहन मरकाम, श्री भोजराज नाग, श्री श्रीचंद सुंदरानी, छत्तीसगढ़ राज्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष श्री मोहन एंटी, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री सुभाष तिवारी, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री भरत मटियारा, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विशाल चंद्राकर, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष श्री केदार गुप्ता, छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र बरलोटा, पूर्व मंत्री श्री पूनम चंद्र्राकर, सचिव जल संसाधन श्री सोनमणि बोरा, संचालक कृषि श्री एम.एस. केरकेट्टा, प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड श्री अभिजीत सिंह, संचालक पशुधन विकास डॉ. एस.के. पाण्डेय, संचालक मछलीपालन श्री व्ही.के. शुक्ला सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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