पूर्व की रमन सरकार ने 41 हजार करोड़ का कर्ज लिया लेकिन किसानों को 2100 रु धान की कीमत, 300 रु बोनस नही दिया

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पूर्व की रमन सरकार कर्ज लेकर घी पी रही थी और उस दौरान किसान आत्महत्या कर रहे थे

रायपुर /12 मार्च 2022। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के द्वारा कर्ज मामले में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि पूर्व रमन सरकार ने 41 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिए, सरकारी संपत्तियों को गिरवी रखे लेकिन न तो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की माता कौशल्या मंदिर एवं रामवनगमन पथ निर्माण कराये, न किसानों की सेवा किये, न गौ माता की सेवा किये। रमन सरकार ने वादानुसार किसानों को धान की कीमत 2100 रु प्रति क्विंटल और प्रति क्विंटल 300 बोनस नही दिया। आदिवासी वर्ग को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय और परिवार के एक सदस्य को नौकरी नही दिया। शिक्षकों की नियमित भर्ती नही किया। उस दौरान किसान कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे थे, युवा रोजगार के लिए तरस रहे थे, मजदूर पलायन कर रहे थे। धान खरीदी केंद्रों में पक्का चबूतरा नही बना पाए। कांग्रेस की सरकार ने कर्ज किसानों की धान खरीदी के लिये लिया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना में किसानों की मदद के लिये लिया है। भाजपा के समान कमीशनखोरी करने के लिये कर्जा नहीं लिया। भाजपा ने 14000 करोड़ नया रायपुर में लगा दिया। वहां आज तक बसाहट नहीं हुई। स्काई वॉक बना दिया, कोई उपयोग नहीं। रमन सिंह कमीशनखोरी करने कर्ज लेते थे। भूपेश सरकार जनता को आर्थिक रूप से मजबूत करने कर्जा लिया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह कर्ज मामले में झूठ और अफवाह फैला रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार को कर्ज इसलिए लेना पड़ रहा क्योकि केंद्र में बैठी मोदी सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव, सौतेला व्यवहार कर रही। राज्य के हिस्से की राशि को रोक रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार जितना कर्ज लिया है, उससे तीन गुनी राशि किसानों, मजदूरों, गौपालको के खाते में जमा कराई है। भाजपा कर्ज को लेकर पहले आत्मचिंतन करें। मोदी सरकार सात साल में किसी का भला नहीं कर पाई।

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