मोदी और नेतन्याहू आज करेंगे द्विपक्षीय वार्ता

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नई दिल्ली। अपने 6 दिवसीय भारत दौरे के तहत इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत पहुंचे जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने गले लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी और इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू एयरपोर्ट से तीन मूर्ति मार्ग पहुंचे जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कुछ मिनट का मौन रखा। दोनों देशों के संबंधों को एक नई मजूबती देने के लिए दिल्ली के तीन मूर्ति स्मारक में इजरायल के ऐतिहासिक शहर हाइफा का नाम जोड़ दिया। अब इस चौक का नाम ‘तीन मूर्ति हाइफा’ हो गया है। शाम को उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।

इजराइली पीएम का स्वागत करने के लिए यहां आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत और विदेश सचिव एस. जयशंकर भी मौजूद थे। मोदी और नेतन्याहू ने यहां विजिटर्स बुक में हस्ताक्षर भी किए। इजराइली पीएम के साथ उनकी पत्नी सारा भी भारत दौरे पर आईं हैं। आपको बता दें कि नेतन्याहू के भारत आने से पहले ही दिल्ली के तीन मूर्ति चौक और तीन मूर्ति मार्ग का नाम बदल दिया गया था। अब इसे तीन मूर्ति हाइफा चौक और तीन मूर्ति हैफा मार्ग के तौर पर जाना जाएगा। हाइफा इजराइल के एक शहर का नाम है।

तीन मूर्ति और इजरायल का वर्षों पुराना रिश्ता
इस ब्रिगेड ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 23 सितंबर 1918 को हाइफा पर विजयी हमला किया था। इसे विजयी हमला इसलिए कहा गया क्योंकि मुस्लिम तुर्कों से फिलिस्तीनी लोगों की मुक्ति के लिए भारत के तीन राज्य (जोधपुर, हैदराबाद और मैसूर) से इजराइल में सैनिक भेजे गए थे। भारतीय सैनिकों ने इसके लिए इजराइल के हाइफा शहर में युद्ध किया। इस युद्ध से जुड़े सभी विभिन्न पहलू वीरता का वर्णन करते हैं। जब लांसर्स ने ओटोमन (उस्मानी साम्राज्य),जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी के संयुक्त बल द्वारा संरक्षित गैरीसन शहर पर हमला किया।

हाइफा की मुक्ति ने समुद्र के माध्यम से मित्र राष्ट्रों के लिए आपूर्ति मार्ग को मंजूरी दी। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हाइफा की आजादी के लिए 44 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान किया। अब तक से ही 61 कैवलरी 23 सितंबर को जयंती दिवस या ‘हाइफा दिवस’ के रूप में मनाते हैं।

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