आबकारी विभाग की निष्क्रियता के चलते अंचल में शराब कोचियागिरी चरम पर।

0

बलौदाबाजार,अर्जुनी- अंचल में अवैध शराब की बिक्री बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से चल रहा है। गांव में खुले आम ठेले ,गुमचे में बेधड़क आबकारी विभाग के नाक के नीचे या यह कहे कि आबकारी विभाग के संलिप्तता में शराब बेचा जा रहा है जिसमे अर्जुनी,रवान,खैरताल नवागांव ,टोनाटार, बोरसी जैसे लगभग दर्जनों गांव सहित पूरे लोग शराब दुकानों से कमीशन एजेंट के माध्यम से भारी मात्रा में शराब खरीदकर कोचिया गिरी कर है, इतना ही नही शराब दुकानदारों द्वारा नियम कानून के विरुद्ध अधिक मात्रा में शराब प्रदान किया जा रहा देखा जाए तो दुकान में बोरी अथवा बेग में शराब भरते हुए देखना आम बात हो गया है जिस पर आबकारी विभाग की कार्यवाई व हिदायत नगण्य है,जिससे इन शराब कोचियों के हौसले दिन ब दिन बढ़ते जा रहा है,वंही गांव -गांव में अवैध शराब की बिक्री से विवाद की स्थिति बना रहता है,बता दें की जिले में अवैध शराब का कारोबार जमकर फल फूल रहा है इस मामले में आबकारी विभाग की भूमिका कहीं कोई दिखाई नहीं देती है अलबत्ता इसके लिए पूरा काम पुलिस विभाग को करना पड़ रहा है आए दिन पुलिस विभाग के द्वारा अवैध शराब में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है पर सवाल उठाया जा रहा है कि आबकारी विभाग मौन क्यों हैं ?जबकि इसकी पूरी जिम्मेदारी आबकारी विभाग की है जिला आबकारी अधिकारी से लेकर नीचे के सभी अधिकारी इस मामले में क्या कार्यवाही करते हैं इसकी कभी कोई जानकारी नहीं मिलती है,। वैसे भी पुलिस विभाग के पास रोजाना सैकड़ों काम होते हैं परंतु यह अतिरिक्त काम भी पुलिस विभाग को करना पड़ रहा है ।भाटापारा शहर की पुलिस व ग्रामीण थाने की पुलिस के द्वारा रोजाना अवैध शराब में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है आबकारी विभाग क्या कर रहा है यह समझ से परे है ।आबकारी विभाग की खामोशी अनेक संदेहों को जन्म देती है। खबर के अनुसार जब भी लोग आबकारी विभाग के अधिकारियों से इस मामले में संपर्क करने की कोशिश करते हैं तो संबंधित आबकारी विभाग के अधिकारी या तो फोन रिसीव नहीं करते हैं या फिर मिलते ही नहीं हैं आखिर ऐसा क्यों हो रहा है जबकि जितनी भी दुकानें हैं उनकी भी जांच की पूरी जिम्मेदारी आबकारी विभाग की ही होती है ऐसा लगता है कि आबकारी विभाग अपने कर्तव्य से विमुख होकर केवल औपचारिकता ही पूरी करता है और प्रत्येक माह वेतन के रूप में एक मोटी रकम सरकारी खजाने से ले लेता है। पुराने समय में अवैध शराब के खिलाफ पूरी कार्यवाही आबकरी विभाग के द्वारा ही की जाती थी किंतु पिछले कुछ समय से आबकारी विभाग की गतिविधियां इस मामले में सुन्य दिखाई पड़ रही है। आए दिन अधिक कीमत पर भी शराब बेचे जाने की शिकायत सामने आती रहती है किंतु आबकारी विभाग की ओर से इस दिशा में कोई कार्यवाही की जाती है ऐसी जानकारी नहीं मिलती है जब भी आबकारी उपनिरीक्षक भाटापारा से संपर्क करने की कोशिश की जाती है तो वे कार्यालय में कभी भी नहीं मिलते हैं ।इस मामले में जिला कलेक्टर को संज्ञान लेने की जरूरत है।

क्या करता है आबकारी विभाग
पूरे क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार काफी तेजी से फल फूल रहा है तो सवाल उठना लाजमी है कि आखिर आबकारी विभाग कर क्या रहा है क्यों आबकारी विभाग के द्वारा कुछ कार्यवाही नहीं की जा रही है क्या केवल पुलिस विभाग की ही जिम्मेदारी है अवैध शराब के कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की यदि ऐसा है तो आबकारी विभाग की जरूरत ही क्या है।

भाटापारा में पदस्थ आबकारी उपनिरीक्षक को लोग जानते ही नहीं है।
भाटापारा में पदस्थ आबकारी उप निरीक्षक कौन है लोग उन्हें जानते पहचानते तक नहीं हैं वह कब कर ले आते हैं और कब चले जाते हैं इसकी जानकारी भी लोगों को नहीं मिल पाती है संबंधित लोग अनेक बार कार्यालय का चक्कर लगा लेते हैं परंतु वह मिलते ही नहीं है जैसे तैसे लोग उनके मोबाइल नंबर का जुगाड़ करते हैं और मोबाइल लगाते हैं तब भी महोदय मोबाइल रिसीव नहीं करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *