क्या भारत सरकार एसएसओ ग्रुप की क्लाइंट है? इस सवाल पर सरकार मौन क्यों है- विकास उपाध्याय

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इस जासूसी से राहुल गांधी की जान को भी खतरा है। केन्द्र सरकार गाँधी परिवार का SPG सुरक्षा बहाल करे- विकास

रायपुर। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय आज रायपुर स्थित राजीव भवन में एक कांफ्रेस में हिस्सा लेते हुए कहा,इसराइल की सर्विलांस कंपनी एनएसओ ग्रुप के सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नेताओं, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के फ़ोन की जासूसी की जा रहीं है।

जांच में यह बात सामने आया है कि 10 देश एनएसओ के ग्राहक हैं जिसमें भारत का नाम भी शामिल है। अर्थात इस जासूसी में मोदी सरकार सम्मिलित है।
हमारे नेता राहुल गांधी के दो मोबाइल नंबर उन भारतीय नंबरों में शामिल हैं जिसे पेगासस से जासूसी करने हैक किया गया है।

विकास उपाध्याय ने कहा, रिपोर्ट में यह बात सामने आया है कि राहुल गांधी के ये दोनों नंबर को 2018 से 2019 के बीच लिस्ट में शामिल किया गया था। यह बहुत ही गंभीर मामला है और यही वो समय था जब मोदी सरकार ने गाँधी परिवार से SPG सुरक्षा हटा दिया था। मेरा मानना है कि इस जासूसी से राहुल गांधी की जान को भी खतरा हो सकता है। मोदी सरकार गांधी परिवार को तत्काल SPG सुरक्षा मुहैया कराए।
विकास उपाध्याय ने दावा किया कि इस जासूसी में देश के रंगा-बिल्ला का हाथ है।इसके सिवा कोई ज़िम्मेदार नहीं हो सकता।दोनों की सहमति के बिना ये नहीं हो सकता।

इस पूरे मामले में जो महत्वपूर्ण बात है वह यह कि जो पड़ताल में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2017 के इसराइल दौरे के साथ ही एनएसओ के सिस्टम में भारतीय नंबरों की एंट्री शुरू हुई।

मेरा सवाल है
क्या भारत सरकार एसएसओ ग्रुप की क्लाइंट है? इस सवाल पर सरकार ने ‘हाँ’ या ‘ना’ में जवाब नहीं दिया है।

जबकि एमनेस्टी इंटरनेशनल की टेक लैब ने 67 डिवाइसों की फ़ोरेंसिक जांच की है और पाया कि 37 फ़ोन पेगासस का शिकार हुए थे। इनमें से 10 डिवाइस भारत के थे। भारत सरकार इस पूरे मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करे और हम इसकी न्यायीक जाँच की माँग करते हैं।

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