स्वच्छ पर्यावरण के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण हो- अकबर

0

वन मंत्री ने ’पौधा तुंहर द्वार’ के तहत पौध वितरण के लिए वाहनों को किया रवाना

वन विभाग की नर्सरियों में 284 प्रजाति के 4 करोड़ पौधे उपलब्ध

वृक्षारोपण को बढ़ावा देने ’मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ संचालित

रायपुर 25 जून 2021/ वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने आज राज्य सरकार की महत्वपूर्ण ’पौधा तुंहर द्वार’ योजना के तहत पौध वितरण के लिए वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में इसका शुभारंभ करते हुए लोगों को स्वच्छ पर्यावरण के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी, मुख्य वन संरक्षक रायपुर श्री जे.आर.नायक तथा वन मण्डाधिकारी श्री विश्वेष कुमार उपस्थित थे।
वन मंत्री श्री अकबर ने कहा है कि राज्य में वृक्षारोपण के लिए लोगों को अधिक से अधिक प्रेरित करने वन विभाग द्वारा ’पौधा तंुहर द्वार’ योजना को लागू की गई। इसमें लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उनके घर तक निःशुल्क पौधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। वन विभाग द्वारा चालू वर्ष में ‘पौधा तुंहर द्वार’ कार्यक्रम के तहत 25 जून से पौध वितरण की शुरूआत की गई है। गौरतलब है कि राज्य में विभाग द्वारा इस वर्ष 2 करोड़ 27 लाख पौधों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए वर्तमान में समस्त 275 विभागीय नर्सरियों में 284 प्रजातियों के 3 करोड़ 89 लाख पौधे उपलब्ध हैं।
वन मंत्री श्री अकबर ने यह भी बताया कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में वृक्षारोपण कार्य को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विगत दिवस एक जून 2021 से ‘‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना‘‘ लागू की गई है। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां योजना का लाभ लेने हेतु पात्र होंगे। योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वृक्षारोपण को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना है। साथ ही पर्यावरण में सुधार लाकर जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों को कम करना है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हैे, यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसी तरह ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाएगा, तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे भविष्य में पंचायतों की आय में वृद्धि हो सकेगी। इसके अलावा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है, तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *